
UP Assembly Election 2022 : गोरखपुर शहर सीट पर योगी हैं पर लड़ाई आसान नहीं
गोरखपुर और योगी आदित्यनाथ दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। किसी का नाम लीजिए, जो चेहरा आपके सामने आएगा वो या तो गोरखपुर का होगा या योगी आदित्यनाथ। इस वक्त यूपी के सीएम की बागडोर संभाले हुए हैं। 5 बार गोरखपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके योगी एक बार विधान परिषद से भी चुने गए। अब पहली बार गोरखपुर शहर से विधायकी का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वसंत पंचमी से एक दिन पूर्व योगी जी ने अपना नामांकन भर दिया है। इस वक्त यूपी के साथ पूरे देश की निगाह गोरखपुर शहर सीट पर है। योगी को चुनौती देने के लिए आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर, सपा से सुभावती शुक्ला हैं। अभी कांग्रेस और बसपा ने अपने उम्मीदवार नहीं घोषित किए हैं। योगी हैं पर विधानसभा सीट पर लड़ाई एकतरफा नहीं है।
अजय सिंह बिष्ट हो गए योगी आदित्यनाथ
अजय सिंह बिष्ट उत्तराखंड के पंचूर गांव से चले और गोरखनाथ मंदिर आकर ठहरे। महंत अवैद्यनाथ को अपना गुरु बनाकर उनसे दीक्षा ली। और वर्ष 1994 में संन्यासी हो गए। और यही से योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ। महंत अवैद्यनाथ के बाद पहली बार 1998 के चुनाव में सांसद चुने गए थे। योगी 12वीं लोकसभा के सबसे युवा सांसद थे। गोरखनाथ मंदिर और सत्ता का रिश्ता बहुत पुराना है। उसके बाद से आदित्यनाथ चार बार और गोरखपुर से सांसद चुने गए। हिन्दुत्व के बिना योगी आदित्यनाथ अधूरे हैं। साल 2018 में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में कहा, मैं हिंदू हूं, इसलिए ईद नहीं मनाता, इसका मुझे गर्व है। ये हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, तथा इनकी छवि एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता की है।
कई दलों के लिए चुनौती हैं चंद्रशेखर आजाद
भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने अपनी कर्मभूमि वेस्ट यूपी को छोड़कर गोरखपुर में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ललकारा है। गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। आजाद समाज पार्टी का पहले सपा से गठबंधन होना लगभग तय था। पर सीट के बंटवारे पर बात जमी नहीं और नाराज होकर योगी को चुनौती दे दी। वह गोरखपुर जाकर सियासी माहौल देख भी आए हैं। सियासी समीकरण का गुणा भाग किया है। और चुनाव लड़ रहे हैं। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने मार्च 2020 को अपने राजनीतिक दल की स्थापना की। दलित हितों के लिए मजबूती और निडरता के साथ उठाए गए इनके कदमों से जल्द ही पार्टी की पहचान बनी। आजाद समाज पार्टी के झंडे का रंग नीला है। टाइम मैगजीन की 100 प्रभावशाली लिस्ट में शामिल चंद्रशेखर आज बसपा समेत कई दलों के लिए चुनौती बन चुके हैं।
गोरखपुर शहर का जातीय ताना-बाना-
- गोरखपुर शहर विधानसभा सीट नम्बर 322
- कुल मतदाता 4.50 लाख
- निषाद/केवट/मल्लाह 40 हजार
- यादव 15 हजार
- ब्राह्मण 60 हजार
- कायस्थ 60 हजार
- वैश्य 50 हजार
- मुसलमान 40 हजार
- क्षत्रिय 25 हजार
- एससी 50 हजार ।
Published on:
05 Feb 2022 01:02 pm
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