scriptUP Assembly Elections 2022 : पहले चरण में योगी के इन नौ रत्नों की किस्मत दांव पर, देखे कौन कहां से ठोक रहा ताल | Nine ministers of Yogi government are in field the first phase electio | Patrika News

UP Assembly Elections 2022 : पहले चरण में योगी के इन नौ रत्नों की किस्मत दांव पर, देखे कौन कहां से ठोक रहा ताल

locationमेरठPublished: Jan 27, 2022 11:45:37 am

Submitted by:

Kamta Tripathi

UP Assembly Elections 2022 प्रदेश के विधानसभा चुनाव 7 चरणों में होने हैं। पहले चरण के मतदान के लिए पश्चिमी उप्र के 11 जिलों की 58 सीटों पर आगामी 10 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। 10 फरवरी को होने वाले मतदान में योगी दरबार के नौ रत्नों की किस्मत दांव पर लगी हुई है। कहने का मतलब प्रदेश के भाजपा सरकार के नौ मंत्रियों के भाग्य का फैसला भी 10 फरवरी को ईवीएम में बंद होगा। जो कि इसके ठीक एक महीने बाद यानी 10 मार्च को खुलेगा।

UP Assembly Elections 2022 : पहले चरण में योगी के इन नौ रत्नों की किस्मत दांव पर, देखे कौन कहां से ठोक रहा ताल

UP Assembly Elections 2022 : पहले चरण में योगी के इन नौ रत्नों की किस्मत दांव पर, देखे कौन कहां से ठोक रहा ताल

UP Assembly Elections 2022 पहले चरण के चुनाव में जिन मंत्रियों के भाग्य का फैसला पहले चरण में होना है उनमें मेरठ से दिनेश खटीक,गाजियाबाद से अतुल गर्ग, बुलंदशहर से अनिल शर्मा, शामली से सुरेश राणा,मथुरा से लक्ष्मी नारायण और श्रीकांत शर्मा,अलीगढ से संदीप सिंह, मुजफ्फरनगर से कपिल देव अग्रवाल और आगरा से डॉ. जीएस धर्मेश शामिल हैं।
अतुल गर्ग गाजियाबाद शहर से अतुल गर्ग 2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। 2017 में अतुल गर्ग का मुकाबला बसपा से था। उन्होंने बसपा के सुरेश बंसल को 70 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। वैश्य बाहुल्य यह सीट भाजपा के खाते में पिछले दो चुनाव से हैं। इस बार भी अतुल मैदान में हैं। अतुल गर्ग इस बार 2017 का इतिहास दोहराने के लिए पूरी तैयारी के साथ मैदान में है।
सुरेश राणा भाजपा के फायरब्रांड विधायकों में गिने जाने वाले सुरेश राणा शामली की थानाभवन सीट से भाजपा विधायक हैं। वे योगी सरकार में गन्ना मंत्री रहे हैं। गन्ना बेल्ट होने के नाते पश्चिमी उप्र में सुरेश राणा का बड़ा रूतबा रहा है। हालांकि पिछले चुनाव में उनकी जीत का अंतर सिर्फ तीन अंकों तक ही सीमित रहा था। लेकिन इस बार भी सुरेश राणा की राह आसान नहीं हैं। यह बात और है कि योगी के गन्ना मंत्री के सामने 2017 की जीत के बाद क्षेत्र में किए गए कामों का रिपोर्ट कार्ड हो जिसके बिना पर उनको क्षेत्र की जनता वोट कर सकें। बता दे कि सुरेश राणा मुजफ्फरनगर दंगे में भी आरोपी बनाए गए थे। 2012 से वे लगातार इस सीट पर जीत दर्ज करते रहे हैं। देखना है कि सुरेश राणा क्या अपनी हैटट्रिक लगा पाते हैं या नहीं।
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कपिल देव अग्रवाल मुजफ्फरनगर सदर जैसे संवेदनशील सीट पर 2017 में भाजपा का इंकबाल बुलंद करने वाले कपिल देव अग्रवाल को जीत के बाद योगी सरकार में मंत्री बनाया गया। मंत्री पद भाजपा की ओर से उनको जीत के ईनाम के रूप में मिला। वे इस बार भी चुनाव मैदान में हैं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कपिल देव अग्रवाल और सपा के गौरव बंसल के बीच काटें की टक्कर रही थी। सपा के गौरव स्वरूप बंसल भाजपा के कपिल देव अग्रवाल से मात्र 10 हजार वोटों के अंतर से हार गए थे। कपिल देव इस बार भी इसी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं।
दिनेश खटीक मेरठ हस्तिनापुर से विधायक दिनेश खटीक योगी कैबिनेट में बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री हैं। वे इस बार भी इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन इस बार दिनेश खटीक के लिए हस्तिनापुर की राह आसान नहीं है। इस बार भी उनके सामने 2017 के प्रतिद्वंदी रहे योगेश वर्मा चुनाव मैदान में है। योगेश वर्मा इस बार बसपा से नहीं बल्कि सपा रालोद गठबंधन से चुनाव लड़ रहे हैं। दिनेश खटीक के विधायक बनने के बाद क्षेत्र में काफी विकास कार्य करवाए हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर इस बार हस्तिनापुर से कांग्रेस के टिकट पर ग्लैमर गर्ल अर्चना गौतम भी चुनाव लड़ रही हैं।
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डॉ. गिरीराज सिंह धर्मेश ताज नगरी आगरा से कैंट सुरक्षित सीट से डा0 जीएस धर्मेश उर्फ गिरीराज सिंह धर्मेंंश को योगी सरकार में मंत्री बनाया गया था। भाजपा विधायक धर्मेंश और उनका परिवार 90 के दशक तक कांग्रेसी रहा। उसके बाद उन्होंने 1994 में भाजपा की सदस्यता स्वीकारी तो संघ से जुड़े। योगी सरकार में समाज कल्याण राज्यमंत्री के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके गिरीराज धर्मेश चिकित्सा जगत से जुड़े हुए हैं। वे चिकित्सक के साथ एक बेहतर राजनेता और समाजसेवी भी हैं। कैंट विधानसभा सीट से 2017 में गिरीराज दूसरी बार चुनाव लड़े थे। 2017 से पहले वे 2012 में चुनाव हार गए थे। इस बार फिर वे तीसरी बार इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
चौधरी लक्ष्मी नारायण कभ कांग्रेसी रहे चौधरी लक्ष्मी नारायण भाजपा की योगी सरकार में डेयरी व पशुपालन मंत्री रहे हैं। लक्ष्मी नारायण मथुरा जिले की छाता विधानसभा सीट से विधायक हैं। इस बार भी लक्ष्मी नारायण इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बता दे कि लक्ष्मी नारायण कई बार पार्टी बदल चुके हैं। 1996 में वे कांग्रेस से विधायक बने थे। उसके बाद इनकी आस्था बसपा के प्रति जागी और बसपाई हो गए। 2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीते और विधायक बने। इसके बाद 2017 में भाजपा में शामिल हुए और चुनाव जीतकर विधायक बने। लक्ष्मी नारायण कई पार्टियों से इसी सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं। लक्ष्मी इस बार भी मैदान में है।
श्रीकांत शर्मा योगी सरकार के युवा मंत्री श्रीकांत शर्मा मथुरा शहर सीट से विधायक है। योगी सरकार में बिजली मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा इस बार भी इसी सीट से विधायक हैं। योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा को तेजतर्रार विधायक और मंत्रियों में गिना जाता है। श्रीकांत भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके हैं और 2017 में वो पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे और सफलता पाई थी। युवा श्रीकांत शर्मा ने इस सीट पर कांग्रेस के धुरंधर और तीन बार विधायक रहे प्रदीप माथुर को करारी शिकस्त दी थी। 15 साल तक कांग्रेस के कब्जे में रही मथुरा विधानसभा सीट को श्रीकांत शर्मा ने भाजपा के लिए जीतकर भगवा फहराया था। इस बार 2022 में चुनाव बिसात फिर से बिछ चुकी है और श्रीकांत फिरे कृष्ण नगरी मथुरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी है।
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संदीप सिंह अतरौली को भाजपा का अभेद गढ माना जाता है। इस सीट से भाजपा के कददावर नेत और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का वर्चस्व रहा है। इस सीट से कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह 2017 में चुनाव जीता था। उसके बाद संदीप को योगी सरकार में मंत्री पद दिया गया। इस बार भी भाजपा ने अतरौली विधानसभा सीट पर संदीप सिंह पर ही भरोसा किया और उनको टिकट दिया है। इस सीट पर आज भी पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के परिवार का दबदबा है। बता दें अतरौली से लगातार 11 बार पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और उनका परिवार जीत हासिल करता रहा है। सन 1967 में जनसंघ के समय से कल्याण सिंह इस सीट पर चुनाव लड़ते रहे और जीत हासिल करते रहे।
अनिल शर्मा बुलंदशहर की शिकारपुर सीट भाजपा के पास पिछले पांच चुनाव से है। यानी पिछले पांच चुनाव से इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी चुनाव जीतते रहे हैं। 2017 में इस सीट पर अनिल शर्मा चुनाव जीते और योगी सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री बने। अनिल शर्मा बुलंदशहर जिले की शिकारपुर विधानसभा सीट से इस बार भी मैदान में हैं। जिले की शिकारपुर सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है।
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