कांग्रेस में अपनी अलग पहचान बना चुके नवजोत सिंह सिद्धू 2017 में भी इसी से सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में सिद्धू जीत भी हासिल की थी। यही वजह है कि यहां से एक बार फिर सिद्धू अपना भाग्य आजमाया है। सिद्धू की मानें तो कांग्रेस में पांच वर्षों में जनता के लिए काफी काम किया है, जिसको देखते हुए जनता उन्हें जरूर वोट देकर दोबारा सत्ता पर काबिज करेगी।
यह भी पढ़ें – NRI बहन ने लगाए नवजोत सिंह सिद्धू पर गंभीर आरोप, कहा-मां को किया बेघर
नवजोत सिंह सिद्धू को इस सीट पर अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया का सामना करना होगा। मजीठिया ने भी इसी सीट से अपना नामांकन भरा है। हालांकि बताया जा रहा है कि मजीठिया को इस सीट से उतारना बादल परिवार का निर्णय था।
इसके पीछे की भी वजह से दिलचस्प है। बताया जाता है कि मजीठिया की बादल से बनती नहीं है। ऐसे में उनका कद कम करने के लिए बादल ने उन्हें सिद्धू के सामने उतार दिया है। ऐसे में सिद्धू से हारने के बाद मजीठिया की आवाज दबाना आसान होगा। दरअसल मजीठिया बादल की पत्नी के भाई है।
एक दिन पहले अपना नामांकन भरने के बाद पंजाब बिक्रम सिंह मजीठिया ने नवजोत सिंह सिद्धू पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अमृतसर पूर्व का अभी तक कोई विकास नहीं हुआ है। मजीठिया ने ये भी कहा कि जो अपनी मां और बहन का ना हो सका वो जनता का क्या होगा। दरअसल सिद्धू एनआरआई बहन ने शुक्रवार को सिद्धू पर परिवार की अनदेखी का आरोप लगाया था।