यहां बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने पूर्वांचल के छठवें चरण में 40 सीट पर जीत का परचम लहराया था, जबकि इस बार उसे छह सीट का नुकसान हुआ और समाजवादी पार्टी गठबंधन को 11 सीट का फायदा पहुंचा। बात सातवें चरण की करें तो इसमें बीजेपी ने पिछली बार नौ जिलों की 54 में से 36 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार उसे 27 सीटें मिलीं यानी उसे 9 सीटों का नुकसान हुआ। वहीं समाजवादी पार्टी को 27 सीटें मिली हैं यानी 16 सीटों का मुऩाफा हुआ। अब छठवें और सातवें चरण को मिला कर पूर्वांचल में बीजेपी गठबंधन के 67 तो समाजवादी पार्टी गठबंधन के 42 सीटें हो गई हैं।
वहीं सुभासपा ने अपनी भूमिका एक बार फिर से साबित की है। बीजेपी गठबंधन से नाता तोड़ कर समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने ये साबित किया है कि पार्टी को जो सीटें पिछली बार मिली थीं वो बीजेपी के सहयोग के कारण नहीं थीं। अलबत्ता बीजेपी से नाता तोड़ने का उसे फायदा ही पहुंचा। आलम ये रहा कि गाजीपुर और आजमगढ़ में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला।