
स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
वाराणसी. Uttar Pradesh Assembly elections 2022 , भातीय जनता पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव नें जिन क्षत्रपों को अपने पाले में कर, यूपी के सिंघासन पर कब्जा किया था। उसमें समाजवादी पार्टी ने करीने से सेंधमारी कर ली है। चुनाव तिथियों की घोषणा से पहले ही सपा ने पूर्वांचल के सबसे महत्वपूर्ण राजभर वोटबैंक साधने में सफलता हासिल की। वहीं चुनाव की घोषणा के बाद 24 घंटे में ही भाजपा के दो अन्य बड़े धुरंधरों का विकेट गिरा कर पूर्वाचंल की सियासत में भूचाल ला दिया है। ये भूचाल भाजपा के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है।
भाजपा के गैर यादव OBC मतों के ध्रुवीकरण को बड़ा झटका
स्वामी प्रसाद मौर्य का भाजपा से नाता तोड़ कर समाजवादी पार्टी का दामन थामना, भाजपा के गैर यादव मतों के ध्रुवीकरण को बड़ा झटका माना जा रहा है। वजह साफ है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक झटके में ही 45 कोइरी मतों, जिसमें सैनी, साक्य, कुशवाहा, कोली, मौर्य जैसी जातियों के गढ पूर्वांचल में भाजा की गणित गड़बड़ा दी है। विगत करीब तीन दशक से स्वामी प्रसाद ने खुद को कोइरी जाति के सर्वमान्य नेता के रूप में स्थापित किया है। यही वजह है कि कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के बेहद करीबी माने जाते रहे। मायवती ने इन्हें सूबे की कमान थमा रखी थी। अब इनके सपा में शामिल होने से पूर्वांचल में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। स्वमी प्रसाद पूर्वांचल की कई सीटों पर भाजपा की गणित गड़बड़ा दी है। इसे सहेज पाना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा।
इन जिलों में है खासा प्रभाव
गोरखपुर, बस्ती, वाराणसी, आजमगढ़, मिर्जापुर, प्रयागराज के साथ ही अयोध्या मंडल की करीब दो दर्जन सीटों पर स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा की गणित को गड़बड़ा दिया है। इन सभी सीटों पर कोइरी वोटबैंक निर्णायक भूमिका में होता है।
दारा सिंह के साथ नोनिया वोट बैंक भी झटका
राजभरों के नेता ओपी राजभर, कोइरी मतों के क्षत्रप स्वामी प्रसाद के साथ ही दारा सिंह के भी भाजपा का दामन छोड़ने से नोनिया समाज के बड़े वोटबैंक के भी भाजपा से छिटकने की पूरी-पूरी संभावना है। पूर्वांचल की करीब आधा दर्जन सीटों पर नोनिया समाज का आधिपत्य है। खास तौर पर मऊ जिले की चारों विधानसभा सीटों पर ये निर्णायक होते हैं। साथ ही आजमगढ़ के दीदारगंज और गाजीपुर के जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र में इसी बिरादरी का वर्चस्व माना जाता है।
पूर्वांचल में हैं पांच लाख मतदाता
पूर्वाचंल में करीब पांच लाख वोटर इसी नोनिया यानी चौहान बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। इसमें सिर्फ मऊ जिले में ही करीब डेढ लाख नोनिया यानी चौहान समाज के वोटर हैं। हालांकि अब भाजपा के पास दारा सिंह की काट के रूप में फागू चौहान हैं जो बिहार के राज्यपाल हैं।
Published on:
13 Jan 2022 12:32 pm
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