
Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : बालामऊ में भाजपा का कब्जा, बसपा-सपा भी कम नहीं
Uttar Pradesh Assembly Election 2022 की घोषण होने के बाद टिकट को लेकर दावेदारी तेज हो गई है। हरदोई जिले की बालामऊ विधानसभा सीट ( Balamau Assembly Constituency ) पर चुनावी संग्राम शुरू हो चुका है। वर्ष 2017 के चुनाव में यहां से भाजपा के विधायक हैं। Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में भाजपा को घेरने के लिए मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी घेरने में जुटा है।
वर्ष 2017 के चुनाव में हरदोई जिले की बालामऊ (सुरक्षित) विधानसभा सीट ( Balamau Assembly Constituency ) भाजपा की झोली में गई थी। यहां से भाजपा के रामपाल वर्मा को 74017 वोट मिले थे और उन्होंने बसपा की नीलू सत्यार्थी को 22888 मतों के अंतर से पराजित किया था। नीलू को 52029 वोट मिले थे। वर्ष 2012 के चुनाव की बात करें तो यहां सपा के अनिल वर्मा को 67800 वोट मिले थे। उन्होंने बसपा के रामपाल वर्मा को हराया था। वर्ष 2012 के चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को क्रमश: चौथा और पांचवा स्थान मिला था। इस क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा की ताकत कमजोर होने का पूरा फायदा बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को मिलता है।
वर्ष 2022 के चुनाव में क्या होगा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषण के बाद से ही यहां संभावित उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। चुनाव की तिथियां घोषित होने के कारण पार्टियां भी टिकट को फाइनल करना शुरू कर दिया है। यहां चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान प्रस्तावित है। भाजपा के लिए यहां सबसे बड़ी चुनौती जीत दोहराना है। वर्तमान में यहां के विधायक राम पाल वर्मा बसपा छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे। बसपा ने इस क्षेत्र पर पूरा फोकस कर रही है और प्रत्याशी की घोषणा भी कर चुकी है। क्षेत्र में बसपा का मजबूत वोटबैंक होने के कारण पार्टी की कोशिश है कि इस पर कब्जा किया जाय। भाजपा, सपा सहित कई पार्टियों के टिकट फाइनल होने के बाद ही चुनावी तस्वीर काफी कुछ साफ हो सकती है।
ये हैं क्षेत्र के मुख्य मुद्दे
हरदोई जिले के बालामऊ विधानसभा क्षेत्र ( Balamau Assembly Constituency ) में मुद्दे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार ही हैं। यहां बच्चों को बेहतर शिक्षा की दरकार है,वहीं युवाओं को रोजगार चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति दयनीय है जबकि कानून व्यवस्था को लेकर भी ग्रामीणों की शिकायतें हैं। क्षेत्र में किसान छुट्टा जानवरों से बेहद परेशान हैं। स्थानीय प्रशासन इसका समाधान नहीं निकाल पाया है। खाद- बिजली की भी समस्या बनी हुई है। चुनाव में समय यहां मतदाता कभी पार्टी को कभी उम्मीदवार का चेहरा देख कर वोट करते हंै। यही कारण है कि मतदाता समस्याओं के दलदल में फंसे हुए हैं।
Published on:
13 Jan 2022 04:27 pm
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