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UP Assembly Election 2022: गजक-रेवड़ी के लिए मशहूर लखनऊ में पार्टियां बांट रही जुबानी रेवड़ियाँ

नवाबों का शहर लखनऊ अब पहले जैसा नहीं रहा। जनता जागरुक भी हुई है और शिक्षित भी। पिछले दिनों यहां पूर्व मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दयाशकंर की चर्चाएं भी खूब जोरों पर रहीं। इनकी लड़ाई में यह टिकट 2 जी घोटाले में जांच करने वाले इडी के उपनिदेशक रहे तेज तर्रार ऑफिसर राजेश्वरसिंह को मिल गयी।

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UP Assembly Election 2022: गजक-रेवड़ी के लिए मशहूर लखनऊ में पार्टियां बांट रही जुबानी रेवड़ियाँ

UP Assembly Election 2022: गजक-रेवड़ी के लिए मशहूर लखनऊ में पार्टियां बांट रही जुबानी रेवड़ियाँ

UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन दिनों रेवडिय़ां खूब बांटी जा रही हैं। सभी दलों के नेता मंच से जुबानी रेवडिय़ां दे रहे हैं। कोई विकास के दावे कर रहा है तो कोई शांति व्यवस्था बनाए रखने की। नवाबों का शहर लखनऊ अब पहले जैसा नहीं रहा। जनता जागरुक भी हुई है और शिक्षित भी। पिछले दिनों यहां पूर्व मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दयाशकंर की चर्चाएं भी खूब जोरों पर रहीं। इनकी लड़ाई में यह टिकट 2 जी घोटाले में जांच करने वाले इडी के उपनिदेशक रहे तेज तर्रार ऑफिसर राजेश्वरसिंह को मिल गयी। इधर, समाजवादी पार्टी से अभिषेक मिश्रा चुनाव मैदान में हैं, जो सपा की सरकार में मंत्री रह चुके है। जिससे यहां मुकाबला और भी रोचक हो गया। पिछले चुनावों में यहां भाजपा की स्वातिसिंह जीत कर सरकार में मंत्री बनी थी। लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह और दूसरी सीट मोहनलालगंज से केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर सांसद हैं।

लखनऊ कैंट में कानून मंत्री मैदान में

लखनऊ कैंट में कभी कांग्रेस से आकर भाजपा से विधायक बनीं रीता बहुगुणा जोशी अब सांसद हैं। यहां मुकाबला योगी सरकार में कानून मंत्री बृजेश पाठक और सपा के राजू गांधी के बीच है। पाठक ने जहां अपनी सीट बदली है वहीं सपा के पार्षद राजू गांधी के अलावा कांग्रेस से दिलप्रीत और बसपा से अनिल पांडेय भी चुनावी मैदान में डटे हैं। लखनऊ उत्तरी सीट पर सपा से पूजा शुक्ला कड़ी टक्कर देती दिखाई दे रही हैं। मुस्लिम, यादव, महिला और ब्राह्मणों का गठजोड़ रहा तो पूजा को सल्तनत का सुख दे सकता है। लेकिन यहां नीरज बोरा भी अपने पिता और खुद की विरासत बचाने की जंग लड़ रहे हैं। इधर लखनऊ पूर्वी सीट पर नगरीय विकास मंत्री आशुतोष टंडन अपना दमखम दिखा रहे हैं। इन्हें सपा के अनुराग भदौरिया अच्छी टक्कर दे रहे हैं। इस सीट पर 1991 के बाद भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा रहा है। 2012 में कलराज मिश्र भी यहां से विधायक रह चुके हैं। जो वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल भी हैं।

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भाजपा को अपनी सीट बचाने की चुनौती

लखनऊ मध्य मूल भाजपाई सीट है। यहां सपा को महज दो बार जीतने का मौका मिला है। इस बार भाजपा ने रजनीश गुप्ता को चेहरा बनाया है, जबकि इस सीट से पिछली बार बृजेश पाठक जीतकर मंत्री बने थे। समाजवादी पार्टी ने यहां 2012 में विधायक रह चुके रविदास मेहरोत्रा को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है। बसपा ने आशीषचंद्र श्रीवास्तव को और कांग्रेस ने सदफ जफर को टिकट दिया है।

आम के कटोरे का स्वाद कौन चखेगा पता नहीं

लखनऊ पश्चिम में भाजपा ने वर्तमान विधायक का टिकट काट कर अंजनीकुमार श्रीवास्तव को टिकट दिया है वहीं समाजवादी पार्टी ने अरमान खान, बसपा ने कायमरजा खान, कांग्रेस ने शहाना सिद्दीकी को मैदान में उतारा है। मलिहाबाद सीट भी लखनऊ की महत्वपूर्ण सीट है। दशहरी आम के लिए मशहूर मलिहाबाद से 2017 में चुनाव जीतने वाली जयादेवी पर भाजपा ने दुबारा भरोसा जताया है। जबकि यहां भाजपा का भाजपा का मूल वोट बैंक नहीं था। इधर जयादेवी के सामने सपा ने सोनू कनौजिया को चुनाव मैदान में उतारा है। दोनों के बीच कड़ी टक्कर भी बताई जा रही है।

मोहनलालगंज में सपा बचा पाएगी सीट?

मोहनलालगंज ही ऐसी विधानसभा सीट है जहां पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। मोदी लहर में भी भाजपा इस सीट को नहीं जीत सकी। यह विधानसभा सीट भी लखनऊ में है। यहां पर भाजपा ने अमरेशकुमार को टिकट दिया है वहीं समाजवादी पार्टी ने सुशीला सरोज को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की टिकट पर यहां ममता चौधरी चुनाव लड़ रही है। लखनऊ की ही बख्शी का तालाब सीट पर भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर योगेश शुक्ला को दिया है। इधर समाजवादी पार्टी ने 2012 में विधायक रहे गोमती यादव, बसपा ने सलाउद्दीन सिद्दीकी व कांग्रेस ने ललनकुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है।

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वोटों का समीकरण-

विधानसभा चुनाव 2017

विधानसभा चुनाव 2022