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UP Assembly Elections 2022 : क्या अब्दुल्ला आजम को मात देंगे नवाबजादे हमजा मियां, इस बार आसान नहीं स्वार की राह

UP Assembly Elections 2022 : स्वार विधानसभा (Suar Assembly Seat) से नवाब खानदान के नवाबजादे हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां (Hamza Mian) भाजपा समर्थित दल अपना दल (एस) से चुनाव मैदान में हैं। जबकि उनकी सीधी टक्कर रामपुर के कद्दावर सांसद आजम खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) से है, जो कि 2017 में यही से चुनाव जीते थे। राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बार उनकी राह आसान नहीं है।

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UP Assembly Elections 2022 : रामपुर की स्वार विधानसभा सीट (Suar Assembly Seat) यूं तो मुस्लिम बहुल सीट है, लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी चार बार जीत दर्ज कर चुकी है। लेकिन, इस बार नवाब खानदान के नवाबजादे हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां (Hamza Mian) भाजपा समर्थित दल अपना दल (एस) से चुनाव मैदान में हैं। जबकि उनकी सीधी टक्कर रामपुर के कद्दावर सांसद आजम खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) से है, जो कि 2017 में यही से चुनाव जीते थे। लेकिन, उम्र विवाद के चलते वह महज दो साल तक ही विधायक रह सके। अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द होने के बाद से यह सीट रिक्त है। हालांकि इस बार समीकरण बहुत अलग हैं, क्योंकि हमजा मियां को मुस्लिमों के साथ हिंदू वोट भी मिल सकते हैं। जबकि अब्दुल्ला आजम पूरी तरह मुस्लिम वोट बैंक पर निर्भर हैं।

हैदर अली खान

नवाबजादे हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां भाजपा गठबंधन की तरफ से उतारे गए पहले मुस्लिम प्रत्याशी हैं, जो अपना दल (एस) के टिकट पर स्वार विधानसभा सीट से अब्दुल्ला आजम खान को सीधे टक्कर दे रहे हैं। बता दें कि स्वार सीट नवाब खानदान के मजबूत किले के रूप में उभरी है। यहां हमजा मियां के पिता नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां 2002 से लेकर 2012 तक समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक रह चुके हैं। 2012 में नवेद मियां यहां से अंतिम चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था। वहीं, 2017 के चुनाव में उन्हें पहली बार चुनाव मैदान में उतरे अब्दुल्ला आजम के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन, इस बार बहुत कुछ बदल चुका है। नवेद मियां ने बेटे हमजा मियां को भाजपा गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा है। हमजा मियां ने दिल्ली के मॉर्डन स्कूल स्कूल शिक्षा हासिल की है। जबकि उच्च शिक्षा उन्होंने लंदन से हासिल की है। 2017 से ही वह पिता के चुनावी प्रबंधन काे संभाल रहे हैं और इस बार डंटकर अब्दुल्ला आजम का मुकाबला कर रहे हैं। हमजा मियां के निजी जीवन की बात करे तो उन्होंने हरियाणा के बिजनेसमैन रोहित सिंह डागर की बेटी आनन्या डागर के साथ कोर्ट मैरिज की थी, जिसके बाद निकाह हुआ और आनन्या शौकत जमानी बेगम बन गईं।

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अब्दुल्ला आजम खान

अब्दुल्ला आजम खान सीतापुर जेल से जमानत पर छूटने के बाद पुरजोर तरीके से स्वार विधानसभा सीट से जोर-आजमाइश करते नजर आ रहे हैं। वह पिछली बार की तरह ही इस बार भी भारी बहुमत से जीतने का हर हथकंडा अपना रहे हैं। उन्होंने जनता की सहानुभूति बटोरने के लिए आंसू भी बहाए हैं तो जिला प्रशासन से अपनी जान को खतरा बताकर खुद को निर्दोश बताने का भी प्रयास किया है। बता दें कि अब्दुल्ला आजम खान ने 2017 में भारी बहुमत के साथ स्वार सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन उम्र के विवाद ने जहां उनकी विधायकी छीनी। वहीं, उन्हें माता-पिता समेत सलाखों के पीछे भी पहुंचाया। जेल से बाहर आने के बाद अब्दुल्ला आजम लगातार विपक्ष पर हमला बोल रहे हैं और लोगों को अपने पिता का वास्ता देते हुए वोट देने की अपील कर रहे हैं। क्योंकि स्वार भी उसी रामपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। जहां से आजम खान सांसद हैं। आजम खान तो इस समय सीतापुर जेल में बंद हैं, लेकिन वह अपनी मां तंजीन फातिमा के साथ दिन-रात चुनाव प्रचार में जुटे हैं। अब्दुल्ला आजम एमटेक हैं।

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स्वार का जातिगत समीकरण

- कुल मतदाता

- मुस्लिम आबादी- 50 फीसदी

- हिंदू आबादी- 45 फीसदी

- सिख-ईसाई आबादी- 4 फीसदी

- अन्य - एक फीसदी