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UP Assembly Elections 2022 : सावधान! सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट की तो जाना होगा जेल

UP Assembly Elections 2022 : यूपी पुलिस की साइबर सेल (Cyber Cell) सोशल मीडिया (Social Media) अकाउंट्स की लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। यदि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से चुनाव के दौरान शरारती तत्व अफवाह व भड़काऊ पोस्ट (Provocative Posts) कर चुनावी माहौल बिगाड़ने का प्रयास करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए जेल भेजा जाएगा।

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UP Assembly Elections 2022 : यदि आप सोशल मीडिया (Social Media) का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास खबर है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए गाजियाबाद में होने वाले 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान को लेकर प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। क्योंकि चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद प्रत्याशी या उनके समर्थक इंटरनेट मीडिया के माध्यम से चुनाव प्रचार में लग जाते हैं। ऐसे लोगों पर निगरानी बनाए रखने के उद्देश्य से गाजियाबाद पुलिस की साइबर सेल (Cyber Cell) ने सैकड़ों सोशल मीडिया अकाउंट को चिन्हित किया है। पुलिस के अनुसार ऐसे 800 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट हैं, जिनकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। यदि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से चुनाव के दौरान शरारती तत्व अफवाह व भड़काऊ सामग्री पोस्ट (Provocative Posts) कर चुनावी माहौल बिगाड़ने का प्रयास करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए जेल भेजा जाएगा।

जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी एवं सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि गाजियाबाद में विधानसभा के लिए पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होना है। मतदान निष्पक्ष और शांति पूर्वक कराए जाने के उद्देश्य से सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। वहीं, 800 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट पुलिस की रडार पर आ गए हैं। आशंका है कि चुनाव के दौरान कुछ शरारती तत्व इंटरनेट मीडिया पर अफवाह या भड़काऊ सामग्री पोस्ट कर चुनावी माहौल खराब कर सकते हैं। इसलिए पुलिस प्रशासन द्वारा इंटरनेट साइट की निगरानी कराई जा रही है।

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ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप और यूट्यूब पर विशेष नजर

उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में चुनावी माहौल नहीं बिगड़ने दिया जाएगा और चुनाव के दौरान भड़काऊ व सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाली पोस्ट करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन ने खासतौर पर सबसे अधिक ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप और यूट्यूब समेत अन्य सोशल मीडिया को रडार पर रखा है। इनकी गंभीरता से मॉनिटरिंग की जा रही है।

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पोस्ट करने वाले के साथ ग्रुप एडमिन पर भी होगी कार्रवाई

उन्होंने बताया कि गाजियाबाद के साइबर क्राइम एक्सपर्ट की ओर से विकसित किए गए टूल से सोशल साइट्स को सर्विलांस पर रखा गया है। किसी भी तरह का कमेंट फोटो या मैसेज पर पुलिस प्रशासन की पूरी निगरानी बनी हुई है। खासतौर पर जिन लोगों के पास व्हाट्सएप ग्रुप हैं और ग्रुप पर कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट दिखाई देती है तो ऐसी स्थिति में पोस्ट करने वाले के साथ साथ ग्रुप एडमिन भी इसका जिम्मेदार होगा।