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इन पांच को साध लिया तो जीत लेंगे सरधना विधानसभा सीट पर मुस्लिम होंगे निर्णायक

चुनाव 2022 के पहले चरण में महाभारत काल में कौरवों की राजधानी रही सरधना विधानसभा सीट एक हॉट सीट है। अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर संगीत सोम सरधना के वर्तमान विधायक हैं। सरधना में 3,57,0363 वोटरों में से अधिकतर पेशे से किसान है। सबसे ताज्जुब बात यह है कि सपा आज तक इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी है। पर यह तय है कि इन पांच मुद्दे को अगर साध लिया जाएगा तो वह उम्मीदवार सीट जीत लेगा। उसके बावजूद मुस्लिम निर्णायक होंगे।

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इन पांच को साध लिया तो जीत लेंगे सरधना विधानसभा सीट पर मुस्लिम होंगे निर्णायक

इन पांच को साध लिया तो जीत लेंगे सरधना विधानसभा सीट पर मुस्लिम होंगे निर्णायक

चुनाव 2022 के पहले चरण में महाभारत काल में कौरवों की राजधानी रही सरधना विधानसभा सीट एक हॉट सीट है। अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर संगीत सोम सरधना के वर्तमान विधायक हैं। सरधना में 3,57,0363 वोटरों में से अधिकतर पेशे से किसान है। और मिठास की खेती करते हैं। गंगा-यमुना का दोआब होने की वजह से अधिकतर किसान गन्ने की खेती पर आश्रित हैं। गन्ना भुगतान, गन्ना मूल्य जैसी उनकी कई समस्या हैं। सांप्रदायिक लिहाज से सरधना बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। यह पर कुल मतदाता की 33 फीसद मुस्लिम आबादी है। इसलिए सांप्रदायिक लिहाज से यह बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। भाजपा पिछले दो बार से चुनाव जीत रही है। इस बार भाजपा और सपा में कड़ा मुकाबला है। सबसे ताज्जुब बात यह है कि सपा आज तक इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी है। पर यह तय है कि इन पांच मुद्दे को अगर साध लिया जाएगा तो वह उम्मीदवार सीट जीत लेगा। उसके बावजूद मुस्लिम निर्णायक होंगे।

जीत के पांच जादुई मुद्दे :-

1- नाराज किसानों को खुश करना
2- मुस्लिमों को अपने पाले में लाना
3- विकास का मुद्दा
4- स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई की व्यवस्था
5- कानून-व्यवस्था दुरस्त होना

चुनाव 2022 के प्रत्याशी :-

कांग्रेस सैयद रिहानुद्दीन (मुस्लिम)
भाजपा ठाकुर संगीत सोम (ठाकुर)
बसपा संजीव धामा (दलित)
सपा अतुल प्रधान (गुर्जर)

चौंकाने वाला आंकड़ा :-

कुल वोटर - 3,57,0363
महिला मतदाता - 1,63,104
पुरुष मतदाता - 1,93,857
मुस्लिम - 75 हजार मुस्लिम
ठाकुर - 50 हजार
दलित - 65 हजार दलित
गुर्जर - 35 हजार गुर्जर
सैनी - 30 हजार
ब्राह्मण - 15 हजार
जाट - 15 हजार

सरधना सीट का राजनीतिक इतिहास -

सरधना विधानसभा में 1977 में जनता पार्टी के बलवीर सिंह पहले विधायक बने। 1980 में सैय्यद जकीउद्दीन, 1985 में लोकदल से अब्दुल वहीद कुरैशी, 1989 में अमरपाल सिंह भाजपा से विधायक बने। 1991 में जनता दल से विजयपाल सिंह तोमर, 1993, 1996, 2002 में भाजपा से रविंद्र पुंडीर विधायक बने। 2007 में बसपा से चौधरी चंद्रवीर सिंह विधायक चुने गए। 2012 और 2017 में भाजपा से संगीत सोम विधायक चुने गए।

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मुजफ्फरनगर दंगे में उभरा सरधना :-

2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद सरधना अचानक सुर्खियों में आ गय। सरधना से भाजपा विधायक ठाकुर संगीत सोम दंगे के आरोपी बनाए गए। उन्हें जेल जाना पड़ा था। सरधना विधानसभा सीट पर ठाकुर चौबीसी का बड़ा प्रभाव है।

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सरधना विधानसभा में कुल 135 गांव -

दो ब्लॉक - सरधना,दौराला।
तीन नगर पंचायत - दौराला, लावड़ व फलावदा।
सरधना एक नगर पालिका सरधना।