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UP Election 2022: अखिलेश से मुलाकात को लेकर शिवपाल ने खोला बड़ा राज, कहा- सपा पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता

शिवपाल ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) के लिए भतीजे अखिलेश यादव को लेकर कहा कि चाचा शब्द में ही आत्मीयता है।

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लखनऊ

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Nitin Srivastva

Aug 08, 2021

UP Election 2022: अखिलेश से मुलाकात को लेकर शिवपाल ने खोला बड़ा राज, कहा- सपा पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता

UP Election 2022: अखिलेश से मुलाकात को लेकर शिवपाल ने खोला बड़ा राज, कहा- सपा पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की सरकार में सबसे ज्यादा प्रभावशाली नेता माने जाने वाले नेता जी के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में अपनी अनदेखी से काफी निराश हैं। बीते दिनों अपने भतीजे अखिलेश यादव को लेकर शिवपाल सिंह का दर्द एक बार फिर छलक उठा। उन्होंने कहा कि नेताजी हमेशा परिवार को साथ लेकर चले। गांव को और समाजवादी पार्टी को भी अपने एक परिवार की तरह साथ लेकर चले। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में दुश्मनों को भी गले लगाया और आगे बढ़ते रहे। उन्होंने कहा कि उनका भतीजा अखिलेश भी उसी राह पर चले तो मुझे कोई दिक्कत नहीं। हमने तो कई बार अखिलेश यादव से मिलने का समय मांगा लेकिन अब तक मुलाकात का समय नहीं मिला। शिवपाल ने कहा कि अगर नेताजी की बात मानी जाती तो शायद आज तस्वीर कुछ और ही होती।

सपा हमेशा पहली प्राथमिकता

शिवपाल ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) के लिए भतीजे अखिलेश यादव को लेकर कहा कि चाचा शब्द में ही आत्मीयता है। कौन नहीं चाहेगा अपने भतीजे को आशीर्वाद देना। हम चाहते हैं कि समान विचारधारा वाले सभी धर्मनिरपेक्ष दल चुनाव में एकसाथ आएं और विजयी हों। मेरी पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता समाजवादी पार्टी है। इसके अलावा शिवपाल यादव ने एक और ऐलान किया कि वह 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में किसी न किसी दल के साथ गठबंधन करके ही मैदान में उतरेंगे।

फिर छलका चाचा का दर्द

दरअसल अपनी सरकार के दौरान ही अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उनको समाजवादी पार्टी में हाशिये पर कर दिया था। अखिलेश ने जब से सपा का मोर्चा संभाला तभी से शिवपाल यादव की अहमियत भी कम हो गई। वहींं यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में सपा को मिली करारी हार के बाद शिवपाल यादव ने अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने की भी घोषणा कर दी। 24 अक्टूबर 2018 को चुनाव आयोग से उनकी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) को मान्यता मिली गई।

अलग होने के बाद दोनों को मिली करारी हार

हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और प्रसपा दोनों ही पार्टियों को करारी हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद भी कई मौकों पर चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के रिश्ते ठीक होते दिखे। शिवपाल यादव ने कई इशारों में कहना चाहा कि अगर अखिलेश यादव उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें देती है तो वह यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) सपा के साथ गठबंधन करके लड़ सकते हैं। हालांकि अखिलेश यादव के रवैये को देखते हुए ऐसा लगता नहीं कि अखिलेश भविष्य में शिवपाल और उनकी पार्टी प्रसपा से कोई गठबंधन करने वाले हैं।

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