
UP Assembly Elections 2022 : घर—घर जाकर वोट मांगेगे योगी आदित्यनाथ,पहले चरण में चरम पर चुनावी घमासान
UP Assembly Elections 2022 गुरुवार को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने जनसंपर्क अभियान का मोर्चा संभाला था तो आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घर—घर जाकर मतदाताओं से भाजपा के पक्ष में वोट डालने की अपील करेंगे। वहीं सपा और रालोद गठबंधन भी जनसंपर्क अभियान में पीछे नहीं है। आज पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी भी मेरठ में जनसंपर्क अभियान के अलावा पत्रकार वार्ता करेंगे। सरकार बनाने की उम्मीद में सभी दलों ने अपने दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है। चुनावी दौर का पहला चरण भाजपा के लिए काफी कठिन साबित होने जा रहा है। इसी कारण यहां पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी,गृहमंत्री अमित शाह के अलावा योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य तक कई कई बार दौरा कर पार्टी की स्थिति को मतदाताओं के बीच बेहतर करने के प्रयास में जुटे हैं। इस समय चुनावी जनसंपर्क अपने चरम पर है। बता दें पहले चरण से ही अन्य दूसरे चरणों का रूझान तय होता है।
ऐसे में भाजपा, सपा रालोद गठबंधन, कांग्रेस और बसपा किसी भी कीमत पर पहला चरण का मतदान अपने पक्ष में करने के लिए रात दिन एक किए हुए हैं। भाजपा के चुनावी कौशल में माहिर रणनीतिकार गृहमंत्री अमित शाह पूरे पश्चिम को अच्छी तरह से मथ चुके हैं। एक तरफ जहां भाजपा इस चुनाव को ध्रुवीकरण मोड पर ले जाने के प्रयास में हैं। वहीं दूसरी ओर सपा रालोद गठबंधन भाजपा के इस प्रयास को असफल करने की कोशिश में हैं। कुल मिलाकर पहले चरण का संग्राम इस समय भाजपा और गठबंधन के बीच ही दिखाई दे रहा है। आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा भी इसी पश्चिमी उप्र में मतदाताओं की नब्ज टटोलेंगे।
कोरोना संक्रमण के चलते निर्वाचन आयोग ने चुनावी रैलियों पर रोक लगाई तो नेताओं ने जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। यहीं कारण है कि जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेता मतदाताओं के घर की घंटी बजाकर हाथ जोड़ वोट मांगते दिखाई दे रहे हैं। 2017 की तरह ही 2022 में 300 सीटों को जीतने का सपना देख रही भाजपा पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं। बता दे कि भाजपा को पश्चिमी उप्र में सपा—रालोद गठबंधन कड़ी चुनौती दे रहा है। पश्चिमी उप्र की कई सीटों पर जाट मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है। ऐसे में भाजपा जाट मतदाताओं को किसी भी कीमत पर अपने पक्ष में करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। वहीं कृषि कानून वापसी के विरोध के एक साल तक चले आंदोलन की याद दिलाकर सपा रालोद किसानों और जाटों के जख्मों को कुरेद रही है।
Published on:
28 Jan 2022 11:27 am
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