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Ola ने किया बड़ा ऐलान! Electric Scooter में आग लगने की घटनाओं के चलते वापस मंगाई 1,400 से ज्यादा गाड़ियां

Ola ने हाल ही में अपने S1 और S1 Pro मॉडलों को इंडियन मार्केट में पेश किया था। जिसके बाद बीते 26 मार्च को कंपनी के एक स्कूटर में आग लगने की घटना सामने आई थी। वहीं केंद्र सरकार ने भी इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा था कि, कंपनियां स्कूटरों को रिकॉल करें या फिर जुर्माने के लिए तैयार रहें।

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Ola Electric Scooter Catches Fire

Ola Scooter Recall: देश की प्रमुख कैब सर्विस प्रदाता कंपनी Ola ने हाल ही में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेग्मेंट में अपना पहला कदम रखा था। बीते महीनों कंपनी ने बाजार में अपने दो स्कूटरों S1 और S1 Pro को पेश किया था। लेकिन हाल ही में कंपनी के स्कूटरों में आग लगने की घटनाओं ने इस स्कूटर की सेफ़्टी पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। अब कंपनी ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों की जांच करने के लिए तकरीबन 1,441 यूनिट्स को वापस मंगवाया है।

कंपनी ने कहा कि पुणे में 26 मार्च को हुई आग की घटना की जांच जारी है और प्रारंभिक मूल्यांकन में पाया गया कि यह एक अलग तरह की घटना थी। ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने 23 अप्रैल को कहा था कि, इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने के कारणों का पता लगाने वाली जांच एजेंसियों द्वारा दी गई सिफारिशों के आधार पर कंपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर के कुछ बैचों को रिकॉल कर सकती है।

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ये एक स्वैच्छिक रिकॉल है, जिसके तहत कंपनी वाहनों की जांच करेगी इसमें किसी भी तरह की त्रुटी पाए जाने पर इनका निदान भी करेगी। ओला इलेक्ट्रिक ने आगे कहा, "इन स्कूटरों का हमारे सेवा इंजीनियरों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा और सभी बैटरी सिस्टम, थर्मल सिस्टम के साथ-साथ सुरक्षा प्रणालियों में पूरी तरह से निदान के माध्यम से समझा जाएगा।"

ओला इलेक्ट्रिक ने कहा कि उसके बैटरी सिस्टम पहले से ही अनुपालन करते हैं और यूरोपीय मानक ईसीई 136 के अनुरूप होने के अलावा, भारत के लिए नवीनतम प्रस्तावित मानक AIS 156 के लिए भी परीक्षण किया गया है।

हाल ही में, देश के विभिन्न हिस्सों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की व्यापक घटनाएं हुई हैं, जिससे निर्माताओं को अपने वाहनों को वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ओकिनावा ऑटोटेक ने 3,000 से अधिक यूनिट्स को वापस मंगाया था, जबकि प्योरईवी ने लगभग 2,000 यूनिट्स को रिकॉल किया था।


क्या कर रही है सरकार:

आग की घटनाओं ने सरकार को जांच के लिए एक पैनल बनाने के लिए प्रेरित किया था और कंपनियों को लापरवाही बरतने पर दंड की चेतावनी दी थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं के सामने आने के बाद कहा था कि, मंत्रालय (MoRTH) ने ईवी निर्माण के मुद्दों की जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो कि विशेष रूप से दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट पेश करेगा।

गडकरी ने बीते दिनों अपने ट्वीट्स में कहा था कि, "पिछले दो महीनों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों से जुड़ी कई दुर्घटनाएं सामने आई हैं। यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की जान चली गई है और कई घायल हो गए हैं। हमने इन घटनाओं की जांच करने और उपचारात्मक पर सिफारिशें करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। कदम। रिपोर्टों के आधार पर, हम चूक करने वाली कंपनियों पर आवश्यक आदेश जारी करेंगे।" गडकरी ने वाहन निर्माता कंपनियों को निर्देशित किया था कि, वो समय रहते अपने वाहनों का रिकॉल कर उसकी जांच कर लें, नहीं तो इस तरह की आग लगने की घटना होने पर उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।