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क्या आप जानते हैं बॉलीवुड की उस फिल्म के बारे में जिसे बनने में लगे 23 साल?

चलिए जानते हैं एक ऐसी फिल्म के बारे में जो 23 साल में बनकर तैयार हुई थी और रिलीज के समय निर्देशक समेत दो हीरो और हीरोइन नहीं थे दुनिया में। जी हां, एक ऐसी फिल्म जिसके बनाने की शुरुआत सन 1963 में की गई और साल 1986 में यह बनकर तैयार हुई।

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Archana Keshri

Dec 22, 2021

क्या आप जानते हैं बॉलीवुड की उस फिल्म के बारे में जिसे बनने में लगे 23 साल?

क्या आप जानते हैं बॉलीवुड की उस फिल्म के बारे में जिसे बनने में लगे 23 साल?

भारतीय फिल्मों का हिस्ट्री लगभग 110 साल पुरानी है। इस बीच इंडस्ट्री ने मदर इंडिया, मुगल-ए-आज़म, शोले, आंधी, गोलमाल, जाने भी दो यारो, मासूम, सारांश, गाइड और प्यासा जैसे कई बेहतरीन फिल्में बनाई। ये सभी फिल्में अपने आप में नायाब हैं। ये बात बहुत ही आम है कि फिल्मों को बनने में समय लगता है। ऐसे में कई बार फिल्मों को बनने 6 महीने लगते हैं, तो कई बार 1-2 साल भी लग जाते हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म है, जिसे बनने में 1 या 2 साल नहीं बल्कि 23 साल लगें हैं।

इस बॉलिवुड की फिल्म का नाम है 'लंव एंड गॉड'। बॉलीवुड में शायद ही कोई अन्य फिल्म होगी, जिसे बनने में इतने साल लगे हों। यह फिल्म 1986 में रिलीज हुई थी और इस फिल्म के निर्माता-निर्देशक के. आसिफ थे। के.आसिफ के द्वारा बनाई गई यह पहली कलर फिल्म थी जो उनके फिल्मी करियर की आखिरी फिल्म भी साबित हुई।

फिल्म के बनने के शुरुआत में इसके लीड एक्टर गुरु दत्त थे, लेकिन साल 1964 में उनका निधन हो गया। जिस वजह से फिल्म के निर्माण कार्य पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी गई थी। इसके कुछ सालो बाद 1970 में लीड रोल में संजीव कुमार को लिया गया, मगर फिल्म के शूटिंग के दौरान निर्देशक के. आसिफ की तबीयत खराब रहने लगी और 1971 में उनका निधन हो गया।

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आपको बता दें, के.आसिफ के द्वारा बनाई गई यह पहली कलर फिल्म थी जो उनके फिल्मी करियर की आखिरी फिल्म भी साबित हुई। ये फिल्म लैला-मजनू की पौराणिक प्रेम कहानी पर आधारित थी। इस फिल्म में संजीव कुमार और निम्मी अहम भूमिका में थे। इस फिल्म में एक्ट्रेस निम्मी ने 'लैला' और संजीव कुमार ने 'मजनू का किरदार निभाया है।

निर्देशक के.आसिफ की मौक रे बाद लगभग इस फिल्म के बंद होने की नौबत आ चुकी थी, लेकिन करीब 15 साल बाद के. आसिफ की पत्नी अख्तर आसिफ ने निर्माता-निर्देशक के. सी. बोकाडिया ने इस अधुरी फिल्म को पूरा करने का फैसला किया।


के. सी. बोकाडिया और फिल्म के सभी कलाकारों की मदद से कुछ ही महीनों में फिल्म की बाकी बची हुई शूटिंग पूरी की गई। फिर इसे 27 मई 1986 को सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया। मगर फिल्म की रिलीज होने से पहले ही इस फिल्म के कुछ कलाकारों का भी निधन हो चुका था। सबसे ज्यादा दुखद बात तो यह थी कि इस फिल्म के लीड एक्टर संजीव कुमार की इस फिल्म के रिलीज के 1 साल पहले यानी की 1985 में निधन हो गया।


आपको बता दें, इस फिल्म का नाम 'गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज है। इस फिल्म में संजीव कुमार और निम्मी के अलावा सिम्मी ग्रेवाल, प्राण, अमजद ख़ान, अचला सचदेव और ललिता पवार जैसे बेहतरीन कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई है। इस फिल्म के गाने खुमार बाराबंकवी ने लिखे थे और इन्हें मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर, आशा भोसले, मुकेश, तलत महमूद, मन्ना डे और हेमत कुमार जैसे उम्माद गायकों ने अपनी आवाज दी थी।

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