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30 साल पहले ही ‘मौत से ठन गई थी’ पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की..

वाजपेयी एक राजनेता के तौर पर जितने सराहे गए हैं,उतना ही प्यार उनकी कविताओं को भी मिला

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Mahendra Yadav

Aug 16, 2018

ataL

Atal Bihari Vajpayee

पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का आज दिल्ली स्थित AIIMS अस्पताल में देहांत हो गया है। काफी समय से उनकी हालत नाजुक चल रही थी। पीएम मोदी सहित उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लाल कृष्ण आडवाणी समेत कई दिग्गज नेता अटल की सेहत की जानकारी लेने AIIMS पहुंचे थे। लंबे वक्त से बीमार चल रहे अटल को बुधवार को लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। तब से ही उनकी तबियत नाजुक चल रही थी। गुरुवार को उन्होंने AIIMS में अंतिम सांस ली।

बहुत अच्छे कवि भी थे अटल बिहारी वाजपेयी:
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी एक राजनेता के तौर पर जितने सराहे गए हैं,उतना ही प्यार उनकी कविताओं को भी मिला है। उनकी कई कविताएं उनके व्यक्तित्व की परिचायक बन गईं तो कईयों ने जीवन को देखने का उनका नजरिया दुनिया के सामने रख दिया।

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जब मौत से ठन गई थी अटल बिहारी वाजपेयी की:
साल 1988 में जब वाजपेयी किडनी का इलाज कराने अमरीका गए थे तब धर्मवीर भारती को लिखे एक खत में उन्होंने मौत की आंखों में देखकर उसे हराने के जज्बे को कविता के रूप में सजाया था।

मौत पर लिखी थी कविता:
अटल बिहारी वाजपेयी ने मौत पर एक कविता लिखी थी। इस कविता के बोल हैं,
'मौत से ठन गई! जूझने का मेरा इरादा न था,
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था,

रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई,
यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई।'

लिखी कई कविताएं:
अटल बिहारी वाजपेयी की एक छवि उनके साहित्यिक पक्ष से भी जुड़ी है। उन्होंने अपने जीवन काल में कई कविताएं लिखीं और समय-दर-समय उन्हें संसद और दूसरे मंचों से पढ़ा भी। उनका कविता संग्रह 'मेरी इक्वावन कविताएं' खासा लोकप्रिय है।