29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

महिलाओं पर आधारित इन 5 फिल्मों से देश में मच गया था बवाल, सेंसर बोर्ड ने कहा- अश्लीलता की सारी हदें हुईं पार

इन फिल्मों के कंटेंट तो लोगों को खूब पंसद आए तो वहीं कुछ ऐसी फिल्में भी रही जो रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ गई।

3 min read
Google source verification
womens-day-2019-special-5-controversial-movies-based-on-women

womens-day-2019-special-5-controversial-movies-based-on-women

देश में समय-समय पर महिलाओं पर आधारित फिल्में बनती रहती हैं। कई फिल्मों के कंटेंट तो लोगों को खूब पंसद आए तो वहीं कुछ ऐसी फिल्में भी रही जो रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ गई। आज हम आपको ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं।

बैंडिट क्वीन

शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन को अपने देश की विवादित फिल्मों में शुमार किया जाता है। फिल्म कही कहानी में दिखाया गया है कि एक दलित महिला कैसे अच्च जाति के लोगों द्वारा गैंगेरेप होने के बाद बैंडिट क्वीन बन अपना बदला लेती है। यह मूवी कुछ बोल्ड सीन और भाषा के कारण काफी समय तक बैन रही थी।

अनफ्रीडम मॉर्डन डे

अनफ्रीडम मॉर्डन डे एक थ्रिलर है फिल्म है जो लेस्बियन रिश्तों पर आधारित है। इस फिल्म में इस्लामिक आतंकवाद की भी कहानी दर्शायी गई है। फिल्म में दो विवादित मुद्दे होने के कारण सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को रिलीज नहीं होने दी। साथ ही फिल्म में काफी बोल्ड सीन्स हैं। यह फिल्म अब भी देश के ज्यादातर हिस्सों में रिलीज नहीं हो पाई है।

वॉटर
इस फिल्म की कहानी अनुराग कश्यप ने लिखी थी। मूवी में समाज से निष्कासित की गई महिलाओं और नारी द्वेष जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों को फिल्माया गया है। इस फिल्म पर काफी बवाल मचा था। सेट पर तोड़फोड़ की भी काफी घटनाएं सामने आई थी। फिल्म के खिलाफ प्रोटेस्ट भी किए गए थे। इन वजहों से शूट की लोकेशन वाराणसी से श्रीलंका में शिफ्ट कर दिया गया साथ ही फिल्म की पूरी कास्ट को भी बदलना पड़ा था।

कामासूत्र
मीरा नायर निर्देशित इस फिल्म को भी सेंसेर बोर्ड ने हरी झंडी नहीं दी थी। इस मूवी पर इस बात पर भी काफी विवाद हुआ कि अाखिर जिस देश से कामसूत्र की शुरुआत हुई वहीं इस फिल्म को अश्लील कैसे कहा जा सकता है। हालांकि इस मूवी को क्रिटिक्स ने काफी सराहा था।

फायर
समलैंगिक रिश्तों पर आधारित इस फिल्म को भी सेंसर बोर्ड ने पास नहीं किया था। हालांकि इस फिल्म से निर्देशक दीपा मेहता ने क्रिटीक्स की वाह-वाही जरुर बटोरी। उनकी फिल्मों में अक्सर समलैंगिकता, पितृसत्ता, विधवाओं की परेशानियों जैसे लीक से हटकर कई मुद्दों को दिखाया जाता रहा।