कभी गौरा रंग होने पर बनती थीं एक्ट्रेसेस
70 के दशक की बात की जाए तो वो एक ऐसा दौर था जब एक हीरोइन बनने के लिए गौरा रंग फर्स्ट प्रायोरिटी हुआ करता था। इसी बीच जरीना ने पूणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में एडमिशन लिया। जरीना की राह आसान नहीं थी, उन्हें अपने लुक के लिए तरह-तरह की बातें सुनने को मिली। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बॉलीवुड के शो मैन राज कपूर ने उन्हें देखकर यह तक कह दिया था कि यह कभी हीरोइन नहीं बन सकती। जरीना को राज कपूर की यह चुभ गई और उन्होंने एक्ट्रेस बनने की ठानी। एक दिन उन्होंने बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेसेस में शुमार होकर राज कपूर की बात को गलत साबित कर दिखाया।
‘इश्क इश्क इश्क’ से रखा बॉलीवुड में कदम
बता दें कि जरीना ने फिल्म ‘इश्क इश्क इश्क’ से हिंदी सिनेमा में कदम रखा। इसमें जरीना ने जीनत अमान की बहन का किरदार निभाया था। यह फिल्म फ्लॉप साबित हुई लेकिन वे निराश नहीं हुई। जरीना को ब्रेक मिला फिल्म “चितचोर” से। इसके बाद जरीना ने देखते ही देखते कई हिट फिल्में दी और टॉप एक्ट्रेसेस में शुमार हो गईं।
‘कलंक का टीका’ के सेट पर हुई आदित्य से पहली मुलाकात
बात करें जरीना के पर्सनल लाइफ की तो 1986 में आई फिल्म ‘कलंक का टीका’ के सेट पर उनकी मुलाकात आदित्य पंचोली के साथ हुई, जो उन दिनों अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। पहली ही मुलाकात में दोनों एक-दूसरे को दिल बैठे और शादी कर ली।