17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लापरवाही: अस्पताल में मौत और पोस्‍टमार्टम रूम का स्‍टाफ बोला- यह तो जिंदा है

सीएमएस डॉ राजेश अग्रवाल का कहना है कि अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा तो है, लेकिन उसे ऑपरेट करने के लिए कोई कर्मचारी नहीं है।

2 min read
Google source verification

एटा

image

Nitish Pandey

Dec 02, 2021

shav.jpeg

एटा. यूपी के एटा जिले में एक रोड़ एक्सिडेंट में युवक घायल हो गया। कई घंटों तक युवक मौत से जंग लड़ता रहा, लेकिन आखिर वेंटिलेटर नहीं मिलने से वो जंग हार गया। हुआ यूं कि एक युवक सड़क हादसे में घायल हो गया। जिसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर शव को पोस्मार्टम हाउस भेज दिया। वहां पहुंचने पर परिजनों ने देखा कि मृत युवक की सांसे चल रही थी, जिसके बाद उसे लेकर इमरजेंसी पहुंचे तो वेंटिलेटर न होने के कारण उसे अलीगढ़ ले जाना पड़ा। लेकिन रास्ते में ही युवक की मौत हो गई।

यह भी पढ़ें : Weather Update: दिसंबर में बढ़ती जाएगी ठंड, छाए रहेंगे बादल

कोतवाली देहात इलाके के ग्राम नगला पुड़िहार निवासी 27 वर्षीय सोनू यादव मंगलवार की रात एटा में भर्ती एक मरीज के देखने के बाद बाइक से वापस अपने गांव लौट रहा था। रास्ते में बाइक किसी गाड़ी से टकरा गई और घायल सोनू को मेडिकल कॉलेज लाया गया। हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने आगरा रेफर कर दिया। जिसके बाद उसे आगरा के रामबाग स्थित कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टर ने बुधवार को सुबह सोनू को मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम हाऊस में महसूस हुई धड़कन

जिसके बाद मृतक सोनू के रिश्तेदार के शव को लेकर साढ़े 11 बजे एटा मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। वहां कर्मचारियों को शव के दिल की धड़कन महसूस हुई और यह सुनते ही रिश्तेदार तुरंत सोनू को लेकर अस्पताल के इमरजेंसी पहुंचे।

रास्ते में हुई मौत

सोनू को लेकर अस्पताल के इमरजेंसी लेकर पहुंचे परिजनों से डॉक्टर ने कहा कि उसे वेंटिलेटर की जरूरत है और लेकिन वहां पर ये सुविधा नहीं है। लिहाजा उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन सोनू को अलीगढ़ ले जा रहे थे और रास्ते में उसकी मौत हो गई। इसके बाद फिर परिजन शव को लेकर पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे।

वेंटिलेटर होता तो बच जाती भाई की जान

मृतक सोनू के भाई संदीप का कहना है कि सोनू नोएडा के एक रेस्टोरेंट में मैनेजर था। मेडिकल कॉलेज में अगर वेंटिलेटर की सुविधा रहती तो शायद उनके भाई की जान बच जाती। सीएमएस डॉ राजेश अग्रवाल का कहना है कि अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा तो है, लेकिन उसे ऑपरेट करने के लिए कोई कर्मचारी नहीं है।

यह भी पढ़ें : योगी सरकार ने फ्लैट खरीदारों को दिया न्यू ईयर गिफ्ट