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श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 50 वर्षीय महिला की हुई मौत, शव को उतार लिया गया कोरोना जांच के लिए सैंपल

locationइटावाPublished: May 28, 2020 07:34:39 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

नई दिल्ली से पश्चिम बंगाल जा रही श्रमिक स्पेशल टेªन मे प्रवासी महिला की मौत, इटावा मे शव को उतार कर कोरोना सैंपल लिया ।

Shramik train

Shramik train

इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में श्रमिक स्पेशल ट्रेन में नई दिल्ली से पश्चिम बंगाल जा रही प्रवासी मजदूर महिला की संदिग्ध हालात में मौत के बाद हंड़कप मच गया। मौत के बाद महिला का कोरोना सैंपल भी लिया गया है। महिला के दामाद ने आरोप लगाया है कि रेलगाड़ी में हालात बिगड़ने के बाद उसने हेल्पलाइन पर काॅल किया, लेकिन उसको डेढ घंटे बाद मदद मिली, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
इटावा के मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर ने गुरुवार को यहाॅ बताया कि बुधवार की रात को इटावा रेलवे स्टेशन पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से रात करीब सवा दस बजे के आसपास प्रवासी मजदूर (51) साल की महिला किपा सेरपा का शव उतारा गया। महिला की मौत के बाद इस बात का अंदाजा लगाया गया कि महिला को कोरोना संक्रमण भी हो सकता है। इसीलिए महिला के शव को राजकीय रेलवे पुलिस के जवानों ने पीपीई किट पहन कर डी 5 कोच में पहले प्लास्टिक बैग में पैक किया। उसके बाद शव को एंबूलैंस के माध्यम से परीक्षण के लिए भेजा गया।
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डॉक्टर ने किया था चेकअप-

इससे पहले महिला की तबीयत बिगड़ने की खबर मिलने के बाद रेलवे स्टेशन पर रेलवे चिकित्सक डा.वी.पी. पाठक और सिविल चिकित्सक डा.धर्मेंद्र और डा. लोकेश ने महिला को देखा, लेकिन महिला की मौत अनुमानित करीब दो घंटे पहले होना डाक्टरों की ओर से आंका गया। महिला की मौत की पुष्टि के बाद महिला के शव को पूर्ण सुरक्षा के बाद कोच से बाहर निकाला गया। इटावा रेलवे स्टेशन पर श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ी रात करीब 10.17 मिनट पर आई और 11.38 मिनट पर रवाना हुई।
पोस्टमार्टम हाउस पर महिला के दामाद रंजीत तामू ने बताया कि उनकी सास की तबीयत रेलगाड़ी में खराब हुई थी, जिसके बाद हेल्प के लिए रेल विभाग को काॅल किया गया, लेकिन तुरंत कोई भी मदद नहीं मिल सकी। इटावा रेलवे स्टेशन पर जब मदद मिली तब तक उनकी सास की मौत हो गई। उनका कहना है कि उनकी सास की तबीयत अलीगढ के आसपास खराब हुई थी। वो गिर पड़ी, उसके बाद लगातार उनकी तबीयत बिगड़ती ही चली गई। रेलवे को काॅल भी किया गया, लेकिन कोई चिकित्सकीय मदद नहीं मिल सकी। इटावा रेलवे स्टेशन पर इस रेलगाड़ी को रोक कर जब डाक्टरों ने चेक किया तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। अलीगढ के बाद टूंडला, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों में से एक है, लेकिन रेलवे की ओर से ट्रेन को इटावा तक लाया जाना समझ से परे दिख रहा है।
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दिल्ली में करती थी काम-

इसके बावजूद इटावा में पुलिस से लेकर अन्य प्रशासनिक अफसरों ने उसकी बहुत ही अधिक मदद की है। इसी कारण इतनी जल्दी से शव का परीक्षण भी करा दिया गया । उन्होंने बताया कि एक साल से उनकी सास नई दिल्ली में घरों में काम करके अपना और अपने परिवार का गुजारा कर रही थी, लेकिन लाॅक डाउन के कारण कोई दूसरा काम ना होने के कारण अपने घर को वापस जा रहे थे।
इटावा के सीएमओ एन.एस.तोमर ने बताया कि रेलगाड़ी में सफर कर रही श्रमिक महिला की मौत वैसे को सामान्य लग रही है, इसके बावजूद भी कोरेाना का सैंपिल ले लिया गया है। जिला प्रशासन ने आज दोपहर एक बजे के आसपास पोस्टमार्टम के बाद कोरोना गाइड लाइन के अनुसार महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए एक एंबूलेंस के माध्यम से और उसके परिजनों को दूसरी गाड़ी से रवाना कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने इसके लिए बकायदा अधिकत पत्र भी दोनों वाहनों को जारी किया है, ताकि किसी भी स्थान पर कोई कठिनाई ना हो।
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