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अपराधों पर कसेगा शिकंजा, आगरा-लखनऊ एक्प्रेसवे के प्रत्येक कट पर तैनात होंगे 24 भूतपूर्व सैनिक

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हो रही लूटपाट की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार ने सुरक्षा का जिम्मा सेवानिवृत सैनिकों को सौंपा है।

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Soldiers at Lucknow Agra Expressway

Soldiers at Lucknow Agra Expressway

इटावा. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हो रही लूटपाट की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार ने सुरक्षा का जिम्मा सेवानिवृत सैनिकों को सौंपा है। प्रत्येक जिले में पड़ने वाले एक एक्सप्रेस-वे कट प्वाइंट पर 24 जवानों की तैनाती की जा रही है। दो कारें भी उनको पेट्रोलिंग के लिए उपलब्ध कराई गई हैं।

एक्सप्रेस वे की सुरक्षा में तैनात पूर्व सैनिक

डा. के ओएसडी वाईएन लाल का कहना है कि लखनऊ-आगरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पूर्व सैनिक तैनात किये गये हैं। इटावा के चौपला कट प्वाइंट पर तैनात किए गए 24 जवान हैं जो तीन शिफ्टों में 24 घंटे निगरानी करेंगे। एक कट प्वाइंट पर हर जनपद में 24 भूतपूर्व सैनिकों की तैनाती की गई है। ये सैनिक ही एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा के साथ ही लोगों की मदद भी करेंगे।

हर कट पर होंगे पूर्व सैनिक तैनात-
इटावा में चौपला कट प्वाइंट पर 24 सेवानिवृत सैनिक तैनात किए गए हैं। ये जवान उत्तर प्रदेश एक्स सर्विस मैन कल्याण निगम की तरफ से लगाए गए हैं। तीन शिफ्टों में लगने वाली ड्यूटी में एक समय में आठ जवान तैनात रहेंगे। ये पुलिस के साथ मिल कर काम करेंगे और कोई भी दुर्घटना होने पर यह यूपीडा को सूचना देंगे। किसी जानवर की मौत हो जाने पर भी ये एक्सप्रेस-वे को तुरंत साफ कराएंगे, जिससे कि कोई दूसरी घटना न हो।

गाड़ियों से टकराते हैं जानवर-
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर जानवर यात्रियों की जान के दुश्मन बने हुए हैं। इस एक्सप्रेस-वे के किनारे पड़ने वाले गांवों के जानवर चढ़कर ऊपर आ जाते हैं और एक्सप्रेस-वे पर आने वाले वाहनों से टकरा जाते हैं, जिससे कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। पूर्व सैनिकों के हेड सूबेदार महेश चंद्र ने बताया कि 80 फीसद घटनाएं इन्हीं जानवरों के कारण हो रही हैं। तैनात किए गए पूर्व सैनिकों को जिम्मेदारी दी गई है कि जानवरों पर खास नजर रखें। जानवर लोहे की जाली को काटकर ऊपर न आ पाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे पर उनके जवान लगातार गश्त कर रहे हैं और यात्रियों को सुरक्षा का अहसास करा रहे हैं।

डॉयल 100 की तैनाती के बाद भी हो रही वारदातें
इस एक्सप्रेस वे पर वैसे सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस की ओर से डायल 100 के जवानों की तैनाती करके रखी गई है। 302 किलोमीटर लंबे देश के सबसे अहम एक्सप्रेस पर हर जिलों के इलाके में 4-4 डॉयल 100 गाडियां 24 घंटे सुरक्षा करती हैं, लेकिन इसके बावजूद लूट हत्या जैसी संगीन वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

बुलंदशहर में हाइवे की सुरक्षा बढ़ी
पिछले साल मई माह में बुलंदशहर में रोडहोल्ड अप की वारदात सामने आने के बाद पुलिस अधिकारियों ने इस एक्सप्रेस वे की सुरक्षा कड़ी कर दी थी। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर इन अफसरों ने पेट्रोलिंग की। अफसर पेट्रोलिंग पर उतरे तो जगह-जगह पुलिस पिकेट मुस्तैद पाई गई। पुलिस अफसर बुलंदशहर में हुई रोड होल्डअप की घटना के बाद से अधिक सक्रिय हो गए हैं।

सरकार के कानून व्यवस्था में सुधार को मुख्य एजेंडे में शामिल किए जाने के बाद भी अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। बार-बार कानून व्यवस्था सुधारने के निर्देश जारी हो रहे हैं लेकिन घटनाओं में खास कमी नहीं आ पा रही है। इससे बड़े पुलिस अफसरों के माथे पर पसीना दिखाई दे रहा है। सख्ती के बाद भी बुलदंशहर में रोड होल्डअप व हत्या जैसी घटना हो गई। इसको देखते हुए एडीजी अविनाश चंद्र व आईजी आलोक सिंह ने स्वयं ही कमान संभाल ली है। इटावा के एसएसपी वैभव कृष्ण भी एक्सप्रेस वे की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहते है।