इसके अलावा सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. आदेश कुमार और हृदय रोग विभाग के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. समीर सर्राफ के खिलाफ भी गंभीर आरोप थे। उन पर खरीद, पेसमेकर धोखाधड़ी, अनावश्यक विदेश यात्राएं और व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप थे। इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। डॉ. समीर सर्राफ को 7 नवम्बर 2023 को गिरफ्तार किया गया था।
ये है पूरा मामला
इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि 2022 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज हुआ था। वर्तमान में इस मामले की जांच सैफई के नये सीओ शैलेन्द्र गौतम कर रहे हैं। एक टीम गठित की गई है, जिसमें एक डॉक्टर एपीओ, विवेचक और एक सह विवेचक शामिल हैं। यह टीम मामले की तकनीकी और चिकित्सा संबंधित बारीकियों की जांच कर रही है।
फर्जी स्टीकर लगाकर बेचा पेसमेकर
डॉ. समीर सर्राफ की गिरफ्तारी के बाद इंद्रजीत की गिरफ्तारी की गई है। इंद्रजीत की भूमिका पेसमेकर की सप्लाई में थी। उसने जानबूझकर नॉन एमआरआई पेसमेकर को एमआरआई पेसमेकर बताकर मरीजों को लगाया। इससे कई मरीजों की जान को खतरा हुआ। जांच में यह भी पता चला है कि इंद्रजीत ने कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए और फर्जी स्टिकर लगाकर पेसमेकर बेचने का काम किया।
अब तक 52 मरीजों को ये नकली पेसमेकर लगाने की पुष्टि
अब तक 52 मरीजों को ये नकली पेसमेकर लगाए जाने की पुष्टि हुई है, जिसमें कई लोगों की मौत हो चुकी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन मौतों का कारण पेसमेकर की गुणवत्ता में खामी थी या कुछ और। साथ ही, बायोट्रॉनिक नामक जर्मन कंपनी की सप्लाई से संबंधित जानकारी भी मिल रही है, जिसमें अन्य कंपनियों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया गया। अधिकारी ने बताया कि अभी और गिरफ्तारियां और कार्रवाई की संभावना है। वर्तमान में इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है ताकि सभी तथ्यों का पता लगाया जा सके और दोषियों को सजा दिलाई जा सके।