
पुलिस ने भाजपा अध्यक्ष समेत तीन को जांच के दायरे से किया बाहर, मिली बड़ी राहत
इटावा. जिले के बकेवर इलाके के बहेड़ा में हुए भाजपाइयों के विवाद में थाना पुलिस ने अपनी पड़ताल में भाजपा जिलाध्यक्ष शिवमहेश दुबे उनके बेटे सहित तीन भाजपा नेताओं को कातिलाना हमले और फायरिंग के मामले से अलग कर दिया है। पुलिस का कहना है कि भाजपा जिलाध्यक्ष समेत तीनों लोगों का मौके पर होना नहीं पाया गया। बकेवर थाना क्षेत्र के ग्राम बहेड़ा में महेवा ब्लॉक प्रमुखी के उपचुनाव के परिपेक्ष्य में भाजपा की कमल पदयात्रा के बाद मुख्य अतिथि क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह एक पक्ष के मुलाकात करने के बाद मुख्य अतिथि के जाने के बाद भाजपा के दो गुटों में झगड़ा हुआ था फायरिंग भी हुई थी।
महेवा के भाजपा ब्लॉक प्रमुख अशोक चौबे के द्वारा अपने ऊपर गोविंद त्रिपाठी और उनके समर्थकों के खिलाफ जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में 24 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया था। वही घटना स्थल के मौके के वायरल हुई वीडियो में ब्लॉक प्रमुख महेवा के समर्थकों के फायरिंग का होने पर एसएसपी के आदेश पर थाना पुलिस ने दूसरे पक्ष का भी मामला दर्ज किया जिसमें भाजपा नेता गोविंद त्रिपाठी ने भाजपा जिलाध्यक्ष शिव महेश दुबे उनके बेटे ऋषभ दुबे, ब्लॉक प्रमुख महेवा अशोक चौबे भाजपा जिला उपाध्यक्ष कृपानारायण तिवारी मीडिया प्रभारी जितेंद्र गौड़ सहित 16 लोगों के विरुद्ध जानलेवा हमले का मामला दर्ज कराया था । दोनों मामलों की विवेचना थाना के एसएसआई सतेंद्र सिंह के द्वारा की जा रही है।
थाना प्रभारी बकेवर इंस्पेक्टर समीर कुमार सिंह ने बताया कि बहेड़ा गांव में जो विवाद हुआ था जिसमें दूसरे पक्ष गोविंद त्रिपाठी द्वारा भाजपा जिलाध्यक्ष शिवमहेश दुबे सहित कई भाजपा नेताओं के विरुद्ध जनलेवा हमले का मामला दर्ज कराया था। इस मामले से भाजपा जिलाध्यक्ष शिवमहेश दुबे उनके बेटे ऋषभ दुबे व भाजपा उपाध्यक्ष कृपा नारायण तिवारी को घटना के समय मौके पर मौजूद नही होने के कारण मामले से निकाल दिया गया है। ऐसा घटना के दौरान के वायरल हुई वीडियो व मौके की लोगों से पूछताछ में बात सामने आई है।
भाजपाइयों के बीच हुए विवाद को लेकर पार्टी प्रदेश नेतृत्व ने अपना दूत दोनों पक्षों से बात करने को भेजा था। भाजपा नेता गोविंद त्रिपाठी महेवा ब्लॉक प्रमुखी का चुनाव हारने के बाद पार्टी नेतृत्व से जिलाध्यक्ष शिव महेश दुबे को हटाने की मांग कर रहे है । उक्त स्थान पर जिलाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी हुई थी। भाजपा जिलाध्यक्ष के विरुद्ध मामला दर्ज होने के बाद जिलाध्यक्ष ने प्रदेश पार्टी नेतृत्व द्वारा भेजे गए दूत से एसएसपी को हटाने की मांग की थी । माना जा रहा है पुलिस ने ऐसा मामला दर्ज होने बाद अपने को बचाने को किया है।
Published on:
15 Dec 2018 08:59 am
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