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इटावा में फर्जी कागज बनवाकर नौकरी कर रहे 9 सरकारी टीचर बर्खास्त

उत्तर प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी करने वाले टीचरो को लगातार खोजकर बाहर निकाला जा रहा है। जिसमें अब इटावा के 9 सरकारी टीचर भी पकड़ में आए हैं।

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Fake Documents पर सरकारी नौकरी करते पकड़े गए शिक्षक

Fake Documents पर सरकारी नौकरी करते पकड़े गए शिक्षक

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले मे फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी पाने वाले नौ शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। इटावा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उमानाथ सिंह ने यह जानकारी दी । उन्होने बताया कि अंक पत्रों के सत्यापन के बाद इन शिक्षकों का वेतन पहले ही रोक दिया था। अब वेतन की वसूली के आदेश जारी किए हैं। बीएसए ने बताया कि वर्ष 2016-17 में नियुक्त पाने वाले सभी शिक्षकों के टीईटी समेत अन्य अंकपत्र, प्रमाण पत्रों की जांच के आदेश शासन दिए थे।

जांच के लिए एडीएम और एएसपी की एक समिति बनाई गई थी। जांच में नौ शिक्षकों के टीईटी अंक पत्रों ऑनलाइन रिकार्ड पर नहीं मिले। सत्यापन की रिपोर्ट करीब डेढ़ वर्ष पहले आ गई थी। उसी समय बीएसए ने सभी का वेतन रोक दिया था।

TET Certificate

जांच समिति ने किसी वरिष्ठ विभागीय अधिकारी से टीईटी प्रमाणपत्र के सत्यापन की सिफारिश की थी। बीएसए ने 5 अगस्त 2021 खंड शिक्षा अधिकारी भरथना अवनीश कुमार को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज कार्यालय भेजा था।

तीन माह बाद 18 नवंबर 2021 को पंजीकृत डाक से रिकार्ड बीएसए भेजा गया। इसमें अनुपम यादव, ममता यादव और दीक्षा तिवारी को अनुत्तीर्ण बताया गया। प्रदीप सिह यादव, रवींद्र सिंह, अजय प्रताप सिह, विवेक कुमार, आशुतोष यादवख् प्रेमलता को उत्तीर्ण दर्शाया गया।
आनलाइन सत्यापित में एक भी शिक्षक के टीईटी अंकपत्र नहीं मिला।

15 मार्च 2022 को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से पुनः वस्तु स्थिति से अवगत कराने के लिए कहा। इस पर खंड शिक्षा अधिकारी ताखा उपेंद्र भारती को भेजा गया। सचिव कार्यालय ने रिकार्ड न देकर आनलाइन सत्यापन के लिए ही कहा। आठ मई को जिला समिति की बैठक में आनलाइन रिपोर्ट मांगी गई। आठ जून को आनलाइन सत्यापन आख्या प्रस्तुत की गई। जिसमें प्रेमलता, अनुपम यादव, ममता, रवींद्र सिंह, अजय प्रताप सिंह, दीक्षा तिवारी, विवेक कुमार, आशुतोष यादव, प्रदीप के टीईटी अंकपत्र आनलाइन नहीं मिले। इसके बाधार पर इन नौ शिक्षकों की सेवा समाप्त का निर्णय लिया गया।

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