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सेंट्रल जेल में कैदी को कुरान रखने या नमाज अदा करने की इजाजत है कि नहीं? हाईकोर्ट ने दिया यह आदेश

High Court order Central jail about namaz and Quran इटावा के सेंट्रल जेल के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में बड़ा निर्णय दिया है। मामला आजीवन सजा काट रहे कैदी से जुड़ा है। जिसमें जेल प्रशासन नमाज पढ़ने और कुरान रखने की इजाजत नहीं दे रहा था।

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हाईकोर्ट का लेटेस्ट ऑर्डर

High Court order Central jail about namaz and Quran कन्नौज में कैदी को जेल प्रशासन नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दे रहा था। कुरान भी रखने की अनुमति नहीं थी। इसके खिलाफ की पत्नी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। जिसमें उन्होंने जेल में बंद पति को पांच वक्त की नमाज और कुरान रखने की अनुमति देने की मांग की। इस मामले में हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी को कुरान उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही पांचों वक्त की नमाज पढ़ने दिया जाए। मामला सेंट्रल जेल से जुड़ा हुआ है। ‌

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उत्तर प्रदेश के इटावा के सेंट्रल जेल में एक कैदी आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। जेल के अंदर रमजान के मौके पर जेल प्रशासन नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दे रहा है। उजमा आबिद ने बताया कि जेल प्रशासन ने कुरान रखने की अनुमति भी नहीं दे रहा है। इस संबंध में उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर नमाज पढ़ने और कुरान रखने की अनुमति देने की मांग की।

अपने आदेश में हाईकोर्ट में क्या कहा?

सरकारी वकील ने बताया कि जेल प्रशासन जेल कानून के अनुसार शिकायतों को दूर करेगा। इधर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जेल में बंद कैदी को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इबादत करने की आजादी मिले। जिससे वह रमजान के मौके पर पांच वक्त की नमाज पढ़ सके। अपने साथ कुरान भी रख सकता है। इसके साथ ही जेल प्रशासन जेल कानून के अनुसार कार्य करें। ‌