
File Photo Chambal Ghati
इटावा पांच नदियों के संगम का जिला है। यमुना, चंबल, सिंधु, पहुज और क्वारी नदी पचनंदा में मिलती हैं। इसके बाद यमुना बन कर प्रयागराज में समाहित होती जाती हैं। क्वारी नदी मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के बेरागढ़ तहसील की बेरागढ़ पहाडिय़ों से निकलती है। और मध्यप्रदेश के कई जिलों से गुजरते हुए इटावा में यूपी में प्रवेश करती है।
अक्टूबर-नवंबर में सूख जाती थी नदी
क्वारी नदी के किनारे सैकड़ों गांव बसे हैं। लेकिन करीब डेढ़ दशक से यह नदी अक्टूबर-नवंबर माह में ही सूख जाती थी। इस बार जलीय जीवों से लेकर पशु-पक्षियों पर प्रकृति मेहरबान है। क्वारी में अप्रैल माह में भी तेज जल प्रवाह है। इससे आम जन, सेंचुरी के वन्य जीव और पशु-पक्षी भी अपनी प्यास बुझा रहे हैं। क्वारी नदी के किनारे बसे गांव उखरैला, बिरौना बाग, बझाई कोटरा, सकेरी, गुरभेली आदि गांवों के किसानों ने जायद की फसलें बोयी हैं। पशुपालक राम सिंह ने बताया इस वर्ष क्वारी नदी में कमर तक पानी बह रहा है। जबकि हर साल दीपावली तक नदी का पानी सूख जाता था।
चंबल सेंचुरी में बढ़ेगा प्रजनन
इटावा के जिला प्रभागीय वन अधिकारी अतुल कांत शुक्ला कहते हैं करीब 15 सालों से गर्मी में सूख जाने वाली क्वारी नदी में पानी अचंभित करने वाला है। इससे चंबल सेंचुरी के वन्यजीवों में इस साल अच्छे प्रजनन की संभावना है। क्वारी नदी के किनारे बसे ग्राम सोने का पुरा, उखरैला, चंद्रहंसपुरा, भोया, पसिया, रामकिला, विंडवाखुर्द, हनुमंतपुरा, सिंडौस, खौडऩ, कुंअरपुर कुर्छा, अजीत की गढिय़ा, जाहरपुरा, , पहलन, बिडौरी, रीतौर की मड़ैया, सहित लगभग दर्जनों गांवों में बसे किसान भी प्रफुल्लित हैं।
Updated on:
21 Apr 2022 03:24 pm
Published on:
21 Apr 2022 03:23 pm
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