बताते चले कि विगत 26 मार्च से शिवपाल सिंह के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं चल रही है।
शिवपाल सिंह यादव को इज्जत देने वाला बयान देने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता के.के.राज मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के सदस्य और 1991 में इटावा जिले की लखना विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के एमएलए निर्वाचित हो चुके हैं । राजनीति की मुख्यधारा में आने से पहले के.के.राज 1988 में इटावा नगर पालिका परिषद के सभासद निर्वाचित हुए थे। के.के.राज को इटावा मे दलित राजनेता के तौर पर प्रभावी माना जाता है । कोरी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले के.के.राज भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कद्दावर नेताओं के बेहद करीबी माने जाते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के नेता समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के बागी चाचा शिवपाल सिंह यादव को जिस तरह से इज्जत दे रहे हैं । उससे एक बात साफ होती हुई यह दिखाई दे रही है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता कहीं ना कहीं शिवपाल सिंह यादव के प्रति विनम्र और विनम्र बन रहे हैं।
राजधानी लखनऊ में 26 मार्च को हुई समाजवादी पार्टी की बैठक में ना बुलाए जाने को लेकर के खफा शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव की कार्यशैली को लेकर के कई और सवाल खड़े कर रखे हैं और इन्हीं सवालों के बीच 9 अप्रैल को एमएलसी चुनाव के मतदान के वक्त सैफई में शिवपाल सिंह यादव ने यह कह कर के सनसनी पैदा कर दी कि उन्होंने जिस को भी वोट दिया है जीत उसी की होगी । इससे पहले शिवपाल सिंह यादव की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई मुलाकात के बाद उनके भाजपा में जाने की चर्चाएं लगातार बनी हुई है।
शिवपाल सिंह यादव के भाजपा में जाने की चर्चाओं के बीच 8 अप्रैल को उनके बड़े भाई समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी इटावा पहुंचे थे लेकिन शिवपाल सिंह यादव ने उनसे मुलाकात करने की कोई जरूरत नहीं समझी उल्टे पत्रकार को यह कहकर कि तुम नेता जी से मुलाकात कर लो । नेता जी मैनपुरी में संवाद कार्यक्रम में भाग लेने के बाद लखनऊ चले गए उसके बाद शिवपाल सिंह यादव अपने संगठन को भंग करने के बाद इटावा पहुंच गए हैं।
शिवपाल सिंह यादव अपने अगले कदम के लिए अपने समर्थको के बीच बैठ कर बैठके करने मे जुटे हुए है । वैसे यह बात भी बडी ही रोचक कही जा रही है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही शिवपाल सिंह यादव की पार्टी पीएसपीएल के अधिकाधिक नेता भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके है । उसके बाद अब शिवपाल के भाजपा मे जाने की चर्चाए तेजी पकडे हुए है।