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मंदिर निर्माण के लिए इटावा में जमा होंगे 10 हजार साधु-संत, सपा के गढ़ में RSS और विहिप की बढ़ी हलचल

माना जा रहा है कि 2019 के संसदीय चुनाव में आरएसएस के जरिये भाजपा समाजवादी गढ़ में कब्जा करने का मंसूबा बना कर यह सब कर रही है...

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मंदिर निर्माण के लिए इटावा में जमा होंगे 10 हजार साधु-संत, सपा के गढ़ में RSS और विहिप की बढ़ी हलचल

दिनेश शाक्य
इटावा. अयोध्या के राम मंदिर निर्माण में समाजवादियों का गढ़ कहा जाने वाला इटावा बड़ी भूमिका निभाने वाला है। राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदु परिषद इटावा में संत सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें कम से कम 10 हजार साधु-संतों को आंमत्रित करने का खाका तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा विहिप की तरह से समाजवादी गढ़ में आरएसएस की ताकत लगातार बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। ऐसा माना जा रहा है कि 2019 के संसदीय चुनाव में आरएसएस के जरिये भाजपा समाजवादी गढ़ में कब्जा करने का मंसूबा बना कर यह सब कर रही है।

विश्व हिंदू परिषद के कानपुर मंडल के सहप्रान्त प्रमुख धर्म प्रचारक अवधेश भदौरिया और भाजपा नेता मनीष यादव पतरे ने रविवार को यहां एक पत्रकार वार्ता में सयुक्त रूप से बताया कि अदालत के 29 अक्टूबर के निर्णय आने के बाद अयोध्या में राममंदिर निर्माण की रणनीति तय करते हुए विश्व हिंदु परिषद इटावा में एक संत समागम कराएगा। श्री संकट मोचन बाला जी मंदिर प्रबंध समिति के सहयोग से विश्व हिंदू परिषद का विशाल संत सम्मेलन आयोजित होगा, जो आगामी दिसंबर माह में आयोजित होगा।

उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी राम मंदिर निर्माण के लिए संत सम्मेलन की तिथि और स्थान का निर्धारण नहीं किया गया है, लेकिन विहिप के बड़े पदाधिकारियों की मानें तो यह सम्मेलन अगले दिसंबर माह में आयोजित किया जायेगा। उन्होने बताया कि स्थान और तिथि के बारे में विहिप पदाधिकारियों से बड़े स्तर पर चर्चा की जा रही है, जल्द ही स्थान और तिथि का निर्धारण कर लिया जायेगा। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के संतों को भी आंमत्रित किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि जिस तरह अयोध्या के राम मंदिर निर्माण में लगातार देरी होती जा रही है, उसको लेकर विश्व हिंदू परिषद ये सम्मेलन करने जा रहा है। इसके तहत हज़ारों संतों को एक साथ जोड़ कर मंदिर निर्माण के आंदोलन को गति दी जायेगी। इस संत सम्मेलन की शुरुआत इटावा से की जा रही है। इसके बाद अन्य जनपदों में भी इस तरह के सम्मेलन कर संतों को एक सूत्र में जोड़ कर मंदिर निर्माण के लिये आगे कदम बढ़ाया जाएगा। इस पहले सम्मेलन में कम से कम 10 हज़ार संतों को इकठ्ठा करने का उद्देश्य बनाया गया है।

दिखेंगे दूरगामी परिणाम
विश्व हिंदु परिषद की इस हलचल से इटावा से लेकर अयोध्या तक राममंदिर निर्माण की दिशा में बड़ी पहल मानी जा रही है। राजनैतिक तौर पर इस संत समागम को समाजवादी गढ़ से भगवा मुहिम मजबूत करके एक बडा संदेश देने की कोशिश मानी जा रही है। क्योंकि इटावा को समाजवादियों का बड़ा मजबूत किला माना जाता है। विहिप का यह संत समागम अगर राममंदिर निर्माण की दिशा में सही ढंग से मूर्तिरूप धारण करता है तो निश्चित है कि इसके दूरगामी राजनैतिक नफा-नुकसान देखे जायेंगे।

इटावा में आरएसएस भी सक्रिय
विहिप की तरह से समाजवादी गढ़ में आरएसएस की ताकत लगातार बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। ऐसा माना जा रहा है कि 2019 के संसदीय चुनाव में आरएसएस के जरिये भाजपा समाजवादी गढ़ में कब्जा करने का मंसूबा बना कर यह सब कर रही है। समाजवादी गढ़ में आरएसएस के 90 साल के इतिहास में कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद पथ संचलन पर मुस्लिम वर्ग की महिलाओं की ओर से फूल बरसाने की खबरें देश भर में सुर्खियों में आ चुकी हैं। आरएसएस का वन विहार कार्यक्रम भी इसी कड़ी का बडा हिस्सा माना जाता है। लगभग पिछले 10 वर्षों में इस तरह संघ का इतने बड़े स्तर पर वन विहार का कार्यक्रम नहीं हुआ है। केंद्र व प्रदेश मे भाजपा के सत्तासीन होने के दौरान समाजवादी गढ़ में आयोजित किये गये वन विहारों को काफी तरजीह दी गई।

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