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एक गाय को मौत की सजा हुई है, क्योंकि उसने देश की सरहद पार कर ली

सरहद पर नफरत इतनी बढ़ गई है कि पेन्का जो एक गाय है, उसे बॉर्डर पार करने पर सजा-ए-मौत सुनाई गई है।

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cow sentenced to death

एक गाय को मौत की सजा हुई है, क्योंकि उसने देश का सरहद पार कर दिया

नई दिल्ली: दुनिया में नफरत की दीवारें इतनी बड़ी हो चुकी हैं कि इंसान क्या जानवर भी इसे पार कर ले तो दूसरा पक्ष उसके खून का प्यासा हो जाता है। कई बार ऐसी खबरें सुनने और देखने को मिलती हैं कि कोई शख्स गलती से भी सरहद पार कर दे तो दूसरे मुल्क की सेना उसको पूरी ताकत से प्रताड़ित करती है और कई बार तो जान तक ले लेती है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण हमारे सामने भारतीय नागरिक सरबजीत हैं। जो गलती से 30 अगस्त 1990 को सरहद पार कर पाकिस्तान पहुंच गए और पाक सैनिकों ने उन्हें भारत का जासूस बताकर जेल में बंद कर दिया। पाकिस्तानी हुकूमत और जिंदगी से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार 2 मई 2013 को उन्होंने पाक की जेल में ही दम तोड़ दिया। पर ये नियम जावनरों पर लागू नहीं होता। वो बड़े आराम से बगैर किसी पासपोर्ट और दस्तावेज के सरहद पार करते और लौट भी आते हैं, लेकिन दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां मुल्क की सीमा पार करने पर एक गाय को सजा-ए-मौत का फैसला हुआ है।

घास चरते हुए सर्बिया पहुंच गई पेन्का

मामला यूरोपियन यूनियन के देश बुल्गारिया का है। यहां एक पेन्का नाम की गाय अपने झुंड के साथ बॉर्डर के पास के खेत में घास चर रही थी। घास चरते चरते वो सरहद पार कर पड़ोसी मुल्क सर्बिया में चली गई। मौके पर तैनात सैनिकों ने गर्भवती पेन्का को पकड़ लिया और उसके देश को इसकी सूचना दे दी। कुछ समय बाद सर्बिया ने पेन्का को उसके मुल्क बुल्गारिया भेज दिया। यहां बताना जरूरी है कि यूरोपियन यूनियन के अंदर 28 देश आते हैं और सर्बिया इसका हिस्सा नहीं है।

अपने ही देश में पेन्का को मारने की तैयारी

पेन्का के घर लौटने से उसके मालिक इवान और उसका पूरा परिवार खुश था लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ कि पूरी दुनिया में पेन्का को लेकर बहस छिड़ गई। बुल्गारिया में रहने वाले सरकारी अधिकारी अब पेन्का को मौत की सजा देना चाहते हैं। सजा इसलिए नहीं कि पेन्का पड़ोसी देश में घास चरकर आई है, या फिर पेन्का मां बनने वाली है और महज तीन हफ्तों में उसकी डिलीवरी हो जाएगी। पेन्का को मारने की बात इसलिए उठ रही है क्योंकि यूरोपियन कमीशन के कुछ ऐसे ही नियम हैं, जिसके मुताबिक पेन्का को अपनी गलती की सजा मौत से चुकानी पड़ सकती है।

सरकारी नियमों के आधार पर सजा-ए-मौत
दरअसल यूरोपियन कमीशन के नियमों के मुताबिक अगर कोई भी जानवर किसी दूसरे देश से यूनियन के अंदर लाया जाएगा तो उसकी सेहत से जुड़ा दस्तावेज सरकार को दिखाना पड़ता है। पेन्का के साथ यही नहीं हुआ है। सर्बिया की सेना ने पेन्का को उसके मालिक को सौंपते वक्त कोई मेडिकल रिपोर्ट और कागजात नहीं दिया।अब बुल्गारिया के अधिकारियों को ये बात इतनी नागवार गुजर गई कि वो मासूम पेन्का को मारने पर तुले हुए हैं।

पूरी दुनिया में पेन्का के लिए हो रही दुआ
पेन्का को बचाने के लिए बुल्गारिया की जनता ने अब मोर्चा संभाला है। लोग सरकार से इस नियम में बदलाव और पेन्का की जिंदगी बख्शने की अपील कर रहे हैं। इंटरनेट पर इसके लिए कई पिटीशन चलाई जा रही है।आप भी यहां क्लिक कर पेन्का को बचाने के लिए इस पिटीशन पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। ये खबर अब दुनिया भर में छा गई है। पेन्का की खबर देखने और सुनने के बाद एक सवाल शायद हर किसी के दिल में उठेगा कि क्या नफरत इतनी बढ़ गई है कि इंसानों के बाद लोग जानवरों को मारने के लिए तैयार बैठे हैं।