आदेश आने के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सीबीएसई और डीयू को कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन करने के लिए कहा था। 40 विभिन्न व्यावसायिक विषयों के अलावा बोर्ड फरवरी में टाइपोग्राफी और कंप्यूटर एप्लिकेशन (अंग्रेजी), वेब एप्लिकेशन, ग्राफिक्स, ऑफिस कम्यूनिकेशन आदि की परीक्षाएं भी करवाएगा क्योंकि इन विषयों में बड़े व्यावहारिक घटक और छोटे सिद्धांत पेपर होते हैं।
बोर्ड ने जारी एक बयान में कहा कि परीक्षाओं के जल्दी होने से एक फायदा यह होगा कि मेन और मूल्यांकन परिणाम जल्दी जारी हो सकेंगे जिससे बच्चों को देशभर के विश्वविद्यालयों में डिग्री कोर्सेस में एडमिशन लेने में आसानी होगी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल सीबीएसई की परीक्षाएं मार्च-अप्रेल तक चली थीं और परीक्षा के लिए कुल 10.76 बच्चों ने रजिस्टे्रशन करवाया था जिसमें से 10.20 लाख बच्चे परीक्षा में बैठे थे।