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भिलाई

watch video.. बीएसपी, 1 मौत के बाद जागे सुपरवाइजर

भिलाई स्टील प्लांट में एक-एक ठेकेदार के पास दो से अधिक विभाग में कार्य है। उनके सुपरवाइजर दोनों जगह काम देखने जाते हैं। सुपरवाइजरों को चिंता है, कि अगर गेटपास में जिस स्थल का नाम दर्ज है, उसको छोड़ दूसरे साइड में कोई हादसा हो गया, तो उनको मुआवजा तक प्रबंधन नहीं देगा।

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भिलाई

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Abdul Salam

May 19, 2024

भिलाई स्टील प्लांट के एसएमएस-2 में काम करने वाले सुपरवाइजर की सेक्टर-9 में फायर स्टेशन निर्माण स्थल में पैनल के जद में आने से मौत हो गई। इस घटना के बाद बीएसपी के करीब 250 से अधिक सुपरवाइजर एक जुट हो रहे हैं। उन्होंने सेक्टर-1 पार्क में एक बैठक बुलाई। उनका तर्क है कि एक ठेकेदार प्लांट में दो-दो जगह काम लेता है। सुपरवाइजर को दोनों जगह कभी भी देखने के लिए भेजता रहता है। वहीं गेटपास में एक ही जगह का नाम लिखा होता है। प्रबंधन सुपरवाइजर के लिए उसका ठेकेदार जिस-जिस विभाग का काम लिया है, उन सभी जगहों का गेटपास में जिक्र किया जाए।

सुपरवाइजर को प्लांट के हर गेटपास से जाने की हो अनुमति

बैठक में सुपरवाइजरों ने मांग किया कि बीएसपी प्रबंधन प्लांट के किसी भी गेट से उनको भीतर प्रवेश करने अनुमति दे। अलग-अलग ठेका श्रमिक के लिए गेटपास बनवाने अलग-अलग गेट से गुजरना पड़ता है। ऐसे में अलग-अलग गेट से आना-जाना पड़ता है।

सुपरवाइजर के गेटपास में हो यह भी दर्ज

सुपरवाइजरों ने मांग किया कि उनके गेटपास में यह भी दर्ज हो कि ठेकेदार का संयंत्र के किस-किस विभाग में काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार प्लांट के भीतर जितने विभाग में काम लेता है, वहां पर सुपरवाइजर को काम देखने जाना होता है। गेटपास में अलग-अलग विभाग का नाम दर्ज हो, जिस जगह ठेकेदार या ठेका एजेंसी ने काम लिया है। इससे कोई हादसा हो जाए, तो कम से कम उसको मुआवजा मिल सके।

सुपरवाइजरों का भी हो बीमा

सुपरवाइजरों ने मांग किया है कि संयंत्र के कुछ विभागों में ठेका श्रमिकों का 10 का दुर्घटना बीमा किया गया है। ऐसे ही बीमा सुपरवाइजरों का भी करवाया जाए। ठेकेदार ठेका श्रमिकों का बीमा तो कर रहे हैं, लेकिन सुपरवाइजरों को छोड़ दे रहे हैं। ऐसे में अगर वे किसी हादसा का शिकार हो जाते हैं, तब उनके परिवार मदद कैसे मिलेगी।

बिना कारण बैठा दिया जाता है थाने में

सुपरवाइजरों ने बताया कि बीएसपी में चोरी करते हुए जब भी ठेका श्रमिक पकड़ा जाता है, तब सीआईएसएफ हो या पुलिस सबसे पहले सुपरवाइजरों को बुलाकर बैठा देते हैं। बिना कारण के उनके साथ गाली गलौच किया जाता है। इसमें जो जिम्मेदार है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए, सुपरवाइजरों का क्या रोह है। इसी तरह से लोको संचालकों ने मांग किया है कि उनके गेटपास में पदनाम लोको पायलट लिखा जाए। इससे स्पष्ट रहेगा कि वह काम कहां और किस पद पर कर रहे हैं। वर्तमान में ठेका एजेंसी मनमुताबिक पदनाम लिखवा देती है। प्रबंधन को इसके लिए निर्देश जारी करना चाहिए।

प्रबंधन से की जाएगी मांग

वशिष्ठ वर्मा, श्रमिक नेता, बीएमएस, बीएसपी ने बताया कि बीएसपी में काम करने वाले सुपरवाइजरों ने अपनी मांगों को यूनियन के सामने रखा है। इस संबंध में सेक्टर 1 पार्क में बैठक भी की गई है। प्रबंधन से इस संबंध में चर्चा की जाएगी। https://www.patrika.com/exclusive/watch-the-video-supela-underbridge-technical-flaws-possibility-of-a-major-accident-18702054