
शिक्षक आत्महत्या का मामला: प्रधानाध्यापक की जमानत याचिका खारिज, पर एसडीआई सहित तीन प्रमुख दर्ज
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक शिक्षक ने वेतन न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली थी। इसके पहले शिक्षक ने सुसाइड नोट भी लिख दिया था। जिसमें उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी थी। शिक्षक ने अपने सुसाइड नोट में बताया था कि हाई कोर्ट से वेतन सहित बहाल होने के बाद भी उन्हें वेतन नहीं दिया गया। शिक्षक की मौत के बाद आरोपी लिपिक और खंड शिक्षा अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था। पुत्र की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था। गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रधानाध्यापक ने अदालत का सहारा लिया। लेकिन राहत नहीं मिली। अदालत ने अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी।
मामला कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला का काजम खान का है। अनिल कुमार त्रिपाठी प्राथमिक विद्यालय झब्बूपुर में सहायक अध्यापक पद पर तैनात थे। जिन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने 18 फरवरी 2016 को उनकी बर्खास्तगी रद्द कर वेतन सहित बहाल करने का निर्देश दिया।
हाई कोर्ट के आदेश को भी नहीं माना गया
हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर अनिल कुमार त्रिपाठी बीएसए ऑफिस लेकर एसडीआई और प्रधानाध्यापक के चक्कर लगाते रहे। लेकिन कोई सुनवाई न हुई। स्थिति यह हुई 96 महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला। जिससे काफी परेशान थे। बीते 27 सितंबर को उन्होंने सुसाइड नोट लिखकर जहरीला पदार्थ खा लिया। जिनकी उपचार के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
कायमगंज कोतवाली में दर्ज है मुकदमा
आशीष त्रिपाठी ने कायमगंज कोतवाली में तहरीर देकर अपने पिता की आत्महत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें निर्देश गंगवार, सुरेंद्र अवस्थी और गिरिराज सिंह नामजद हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रधानाध्यापक ने अग्रिम जमानत का आवेदन किया था।
एसडीआई सहित तीन निलंबित
सुसाइड नोट में लगाए गए आरोप के आधार पर बीएसए गौतम प्रसाद ने खंड शिक्षा अधिकारी गिरिराज सिंह, प्रधानाध्यापक निर्देश गंगवार, लिपिक सुरेंद्रनाथ स्वास्थ्य को निलंबित कर दिया था।
Published on:
24 Nov 2023 09:12 am
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