
ganesh chaturthi
फर्रुखाबाद.गणेश चतुर्थी पर रिद्धि-सिद्धि के दाता विघ्नहर्ता गणपति गजानन पूरी शान से विराजेंगे। राजस्थान के कलाकार गणेश प्रतिमाओं को पूरे भाव से तैयार करने में जुटे हैं। छोटी मूर्ति से लेकर छह फीट तक की प्रतिमाओं को बनाकर उनमें आकर्षक रंग भरे जा रहे।
25 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस बार गजानन के भक्त सिद्धि विनायक की एक दिन ज्यादा आराधना कर सकेंगे। दशमी तिथि दो दिन रहेगी, इससे गणपति बप्पा 11 दिन के लिए आएंगे। आवास विकास तिराहे से नेकपुर के बीच राजस्थानी मूर्तिकार इस समय गजानन की मूर्तियों को अनुपम छटा देने में जुटे हैं। शुभ माने जाने वाले रंगों से प्रतिमाओं की सजावट की जा रही है। गणेश पांडालों में स्थापित की जाने वाली प्रतिमाओं को बड़े रूप में बनाया गया है।
सड़क किनारे लगी प्रतिमाएं लोगों का मनमोह रही हैं। मूर्तियों को तैयार करने में राजस्थानी परिवारों की महिलाएं और बच्चे भी हाथ बटा रहे। मूर्तिकारों का कहना है कि मूर्ति तैयार करने में लगने वाले कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है। दो सौ रुपये से लेकर 12 हजार रुपये लागत में प्रतिमाएं तैयार हो रही हैं। गणेश चतुर्थी के कुछ दिन ही रह जाने से ग्राहक भी आने लगे हैं।पिछले वर्ष के आधार पर इस वर्ष मूर्तियों की डिमांड बहुत अधिक हो गई है। शायद हर जिले में की अपेक्षा फर्रुखाबाद में मूर्तियों की खरीददारी बहुत अधिक बढ़ गई है। लोगों का मानना है कि लाल बाग के भगवान गणेश की मूर्तियों की अधिक बिक्री है। जिस प्रकार से मूर्तियों की बिक्री हो रही है उससे यह प्रतीत होता है कि शहर की हर गली में भगवान गणेश विराजमान दिखाई देंगे।
मूर्ति बनाने वालों का कहना है कि इसके निर्माण में प्लास्टर आफ पेरिस का इस्तेमाल किया जाता है उसके साथ पानी इनको रंगने के लिए कच्चे कलरों का प्रयोग किया गया सबसे ज्यादा जूट का प्रयोग किया जाता है। जिससे यह किसी प्रकार से हानिकारक न हो। पूरे जिले में इस वार लगभग एक हजार स्थानों पर छोटी बड़ी मुर्तियां विराजमान कराई जा रही है।गणेश चतुर्थी को मनाने का चलन मुम्बई में था लेकिन वहां की भक्ति को देखकर वर्तमान समय मे हर जिले में दिखाई दे रही है। लोग अपने घरों के बाहर उनका पांडाल लगाते है फिर सुबह शाम हर प्रकार से उनका भजन पूजन करते रहते है।
डीजे वालों की चांदी
गणेश चतुर्थी के पर्व को लेकर हर पांडाल में भक्तगण डीजे साउंड का इंतजाम करते है जिसकी बुकिंग 11 दिन के लिए की जाती है। इस कारण साउंड सर्विस के मालिक अच्छे रुपये देने वालों की बुकिंग ही करते है। दूसरी तरफ यह भी होड़ रहती है कि किसका साउंड अच्छा बज रहा है।पूरे 11 दिन तो पंडालों में साउंड बजाए जाते है। विसर्जन यात्रा के समय डीजे साउंड वालों को डबल बुकिंग भी करनी पड़ती है। जिस कारण मूर्ति विसर्जन यात्रा दो तीन दिन तक चलती रहती है।
Published on:
20 Aug 2017 01:46 pm
बड़ी खबरें
View Allफर्रुखाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
