सुबह सोकर उठने के 2-3 घंटे के अंदर नाश्ता नहीं करने से मेटाबॉलिज़्म रेट कम हो जाता है। फैट बर्न होने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। जरूरी है कि नाश्ता प्रोटीनयुक्त, पोषक तत्त्वों से भरपूर और लो कैलोरीयुक्त हो। जरूरत अनुसार प्रोटीन लेना चाहिए।
वजन के अनुसार पानी पीएं। कम पानी पीने से भी मेटाबॉलिज़्म धीमा होता है जिससे वजन नहीं घटता है। प्रति २० किलो वजन पर १ लीटर पानी पीएं। यह जॉब नेचर पर भी निर्भर करता है।
डाइटिंग के नाम पर बिल्कुल न खाना नुकसानदायक हो सकता है। मसल्स कै्रम्प भी आ सकते हैं। यदि कोई बीमारी है तो दिक्कत बढ़ सकती है। फाइव मील प्लान के अनुसार आहार लें।
तनाव और पूरी नींद न लेने से वजन बढ़ाने वाले हार्मोन्स का लेवल बढ़ जाता है। इसलिए 7-8 घंटे की गहरी नींद लें। देर रात सोने और देर से उठने से भी वजन कम होने में दिक्कत हो सकती है।
डाइट में प्रोटीन आधारित चीजें न लेने से वजन बढ़ सकता है। चीजें चावल, आलू, शक्कर, पैक्ड ज्यूस व जंकफूड न लें। स्ट्रेस से बचें
स्ट्रेस अथवा तनाव भी युवाओं में बढ़ते मोटापे का एक प्रमुख कारण है। यही कारण है जो जितना अधिक स्ट्रेस में होगा, वो उतना ही अनफिट तथा कमजोर दिखाई देगा। अगर आप भी अपने को स्लिम रखना चाहते हैं तो स्ट्रेस तथा तनाव से बचें।
यूं तो कोई भी फिजिकल एक्टिविटी स्लिम होने के लिए ठीक है लेकिन अगर बच्चों के साथ नियमित रूप से खेला जाए तो व्यक्ति को स्लिम होते ज्यादा देर नहीं लगती। इसका सबसे बड़ा कारण है कि बच्चों के साथ खेलते हुए ज्यादा भागना पड़ता है जिससे ज्यादा कैलोरी बर्न होती है।