फतेहपुर के बेसिक स्कूलों में पहली कक्षा से आठवीं में करीब 2 लाख 85 हजार छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं। इन सभी छात्रों को निशुल्क पाठय पुस्तकें उपलब्ध कराई जानी हैं। शासन निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए छपाई और स्कूल तक पहुंचाने के लिए ढुलाई का टेंडर होता है। पिछले कई वर्षों से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की तर्ज पर बेसिक के स्कूलों का सत्र तो अप्रैल माह से शुरू कर दिया जाता है, लेकिन कभी भी किताबें समय पर छात्रों को उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। शिक्षा स्तर को सुधारने और स्कूलों में शत प्रतिशत बच्चों की उपस्थित के लिए स्कूल चलो अभियान के तहत तमाम प्रयास किए जाते हैं। शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा जिले को जैसे ही पुस्तकों की खेप आती है, उसे बच्चों को वितरण कराया जा रहा है। अधिकांश स्कूलों में पुस्तकें पहुंच रही हैं। खेप आने पर शीघ्र ही वितरण कराया जाएगा।
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कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के हालात में सुधार, डॉक्टरों ने बताई होश न आने की वजह करीब 40 हजार नए दाखिले, पुस्तक नहीं जिले में संचालित परिषदीय स्कूलों में करीब 40 हजार नए छात्रों के दाखिले हुए हैं। अप्रैल से सत्र शुरु होने के बाद करीब चार माह का समय पूरा हो चुका है। बड़ी संख्या में छात्र बिना किताबों के स्कूल पहुंच रहे हैं। तिमाही परीक्षा अगस्त के आखिरी सप्ताह में होनी है। पिछले सत्र में भी किताबें काफी लेट छात्रों को मिली थीं। छात्र आधे से अधिक समय तक बिना किताबों के ही पढ़ाई करते हैं।
माध्यमिक विद्यालयों के बच्चे भी अछूते एडेड माध्यमिक विद्यालयों के जूनियर तक के बच्चों को भी निशुल्क पुस्तकें वितरित की जाती हैं। लेकिन नए शिक्षा सत्र के चार माह बीतने के बाद भी पुस्तकें नहीं मिलीं। किसी कक्षा में एक विषय तो किसी में दो विषय की सरकारी पुस्तकें मिल पाई हैं। कई छात्रों ने बताया कि न तो उनके पास पुस्तकें हैं और न ही पुरानी पुस्तकें ही मिल रही हैं। ऐसे में कैसे पढ़ाई कर सकते हैं।