इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. अशून्य शयन द्वितीया व्रत पूजा करने का अनूठा फल बताया गया है. ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि इस व्रत से हर काम का दोगुना लाभ मिलता है. यह व्रत पूजा पांच महीने— सावन भादों, आश्विन, कार्तिक और अगहन में होती है. इन पांचों महीने कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि पर व्रत पूजा की जाती है.
विष्णु और लक्ष्मी की पूजा-
अशून्य शयन व्रत पर विष्णुजी और लक्ष्मीजी की पूजा करने से बहुत धन लाभ होता है. ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार इस व्रत को करते हुए आप जो भी कार्य शुरू करेंगे उसमें दोगुना लाभ होगा. अशून्य शयन व्रत के दिन नया इन्वेस्टमेंट करना बहुत लाभकारी होता है. शेयर बाजार, सोना चांदी खरीदना, ज़मीन जायदाद आदि में दुगुना लाभ होता है. नया कारोबार शुरू करने के लिए आज का दिन बहुत अच्छा माना जाता है.
ऐसे करें व्रत पूजा
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार यह व्रत रखते हुए सिर्फ फलाहार करें. दिनभर मौन धारण करें. शाम को स्नान करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिविधान से पूजा करें. केले का भोग लगाएं. ॐ विष्णुदेवाय नमः और ॐ महालक्ष्मयै नमः मंत्र का जाप करें. जाप करने के बाद विष्णुजी और लक्ष्मीजी को शयन करवा दें.