5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Falgun Purnima 2023: कब है फाल्गुन पूर्णिमा, धन, सुख समृद्धि के लिए जरूर कर लें इस दिन की ये पूजा

फाल्गुन पूर्णिमा पर व्रत रखकर यदि श्रीहरि की पूजा-अर्चना की जाए, तो हर संकट से छुटकारा मिलता है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप पांडे आपको बता रहे हैं फाल्गुनी पूर्णिमा की डेट, मुहूर्त और इसका महत्व...

3 min read
Google source verification

image

Sanjana Kumar

Feb 22, 2023

falgun_purnima_muhurt_date_puja_muhurt_vrat_and_significance.jpg

Falgun Purnima Date : हिंदू धर्म में हर माह में पडऩे वाली अमावस्या और पूर्णिमा तिथियों को विशेष तिथि के रूप में माना गया है। पंचांग के अनुसार फिलहाल साल का अंतिम महीना फाल्गुन चल रहा है। ऐसे में अमावस्या और पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ जाता है। सनातन धर्म में फाल्गुन की पूर्णिमा विशेष महत्व रखती है। ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप पांडे के मुताबिक इस दिन होलिका दहन और लक्ष्मी जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। इस दिन को भी स्नान और दान के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। वहीं इस दिन भगवान सत्यनारायण, मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्र देवता हैं। माना जाता है कि फाल्गुन की पूर्णिमा पर चंद्रमा को अघ्र्य देने से मानसिक कष्ट दूर होते हैं। फाल्गुन पूर्णिमा पर व्रत रखकर यदि श्रीहरि की पूजा-अर्चना की जाए, तो हर संकट से छुटकारा मिलता है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप पांडे आपको बता रहे हैं फाल्गुनी पूर्णिमा की डेट, मुहूर्त और इसका महत्व...

ये भी पढ़ें:Numerology: Mulank 2: स्वभाव से बड़े चंचल होते हैं मूलांक 2 वाले लोग, ये है इनकी सबसे बड़ी कमी, इससे खाते हैं मात
ये भी पढ़ें: अगर आपका नाम शुरू होता है इस अक्षर से बहुत आकर्षक हैं आप और मन के सच्चे भी, यहां जानें नाम के पहले अक्षर से कैसे हैं आप

कब है फाल्गुन पूर्णिमा 2023 Falgun Purnima Date
फाल्गुन माह की पूर्णिमा अंग्रेजी महीने मार्च की 7 तारीख को मनाई जाएगी। इस दिन मंगलवार पड़ रहा है। फाल्गुन माह की इस पूर्णिमा को वसंत पूर्णिमा और दोल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर तुलसी की पूजा करना विशेष फलदायी माना गया है।

ये भी पढ़ें: Gajlaxmi Rajyog 2023: जल्द बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, होली के बाद मेष राशि के लोगों का होगा प्रमोशन, तरक्की और धन लाभ
ये भी पढ़ें: Khatushyam ji Mela 2023: शुरू हो गया लक्खी मेला, हर साल पहुंचते हैं 40 लाख से ज्यादा लोग, क्या आप भी जा रहे हैं यहां?

फाल्गुन पूर्णिमा 2023 मुहूर्त Falgun Purnima 2023 Muhurt
पंचांग के मुताबिक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 6 मार्च 2023 को शाम 4 बजकर 17 मिनट पर होगी और अगले दिन 7 मार्च 2023 को शाम 6 बजकर 9 मिनट संपन्न होगी। उदयातिथि के अनुसार 7 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा व्रत मनाया जाएगा।

ये रहेंगे मुहूर्त...
- स्नान मुहूर्त - सुबह 5.7 - सुबह 5.56 (7 मार्च 2023)
- लक्ष्मी पूजा (निशिता काल मुहूर्त) - प्रात: 12.13 - प्रात: 1.2 (8 मार्च - लक्ष्मी पूजन के लिए मध्यरात्रि का समय उत्तम माना जाता है)
- होलिका दहन मुहूर्त - शाम 6.31 - रात 8.58 (7 मार्च 2023)
- चंद्रोदय समय - शाम 6.19 (7 मार्च 2023)

फाल्गुन पूर्णिमा 2023 महत्व Falgun Purnima2023 Significance
फाल्गुन पूर्णिमा पर राजा हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को होलिका में जलाने का प्रयास किया था, लेकिन श्रीहरि विष्णु के प्रताप से प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं हुआ। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर व्रत करने से पाप खत्म होते हैं और उम्र भी बढ़ती है।

ये भी पढ़ें: Numerology : बहुत ईमानदार होते हैं मूलांक 1 वाले लोग, इन पर हमेशा बनी रहती है मां लक्ष्मी की कृपा
ये भी पढ़ें:Budh Gochar: Rajyog : फरवरी के अंत में बन रहा है दुर्लभ संयोग, मार्च की शुरुआत में इन तीन राशियों के पास होगा पैसा ही पैसा

फाल्गुन पूर्णिमा पर क्या करें Falgun Purnima Date, Muhurt, Significance
शास्त्रों के मुताबिक फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि पर ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी अवतरित हुई थीं, इसलिए इस दिन को लक्ष्मी जंयती के रूप में भी जाना जाता है। यानी कि विष्णु-लक्ष्मी दोनों की कृपा पाने के लिए फाल्गुन पूर्णिमा का दिन बेहद विशेष और पुण्यकारी माना जाता है। धन, सुख, संकट से मुक्ति, स्वास्थ, समृद्धि पाने के लिए इस दिन श्रीहरि विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा जरूर करना चाहिए। फाल्गुन पूर्णिमा पर दान करने से धन, वैभव और सुखी जीवन का आशीर्वाद मिलता है। रात में चंद्रमा की पूजा जरूर करें, क्योंकि पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी सौलह कलाओं के साथ आसमान में उदित रहता है। इसकी किरणें साधक को गंभीर रोग से मुक्ति दिलाती हैं। वहीं व्यक्ति का मन पर नियंत्रण बना रहता है।