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गणेश चतुर्थी 2019 : गणेश जी को इसलिए लगाते हैं मोदक का भोग, जानें अद्भूत रहस्य

locationभोपालPublished: Aug 27, 2019 12:02:44 pm

Submitted by:

Shyam Shyam Kishor

Ganesh Chaturthi for modak prasad : श्रीगणेश भक्त मोदक ( Modak ) का भोग तो लगाते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि आखिर मोदक गणेश जी को अधिक पसंद क्यूं है? जानें मोदक का अद्भूत रहस्य।

Ganesh Chaturthi 2019 : modak prasad

गणेश चतुर्थी 2019 : गणेश जी को इसलिए लगाते हैं मोदक का भोग, जानें अद्भूत रहस्य

Ganesh Chaturthi 2019 : साल 2019 में गणेश चतुर्थी का महापर्व 2 सितंबर को मनाया जाएगा और इसी के साथ गणेश भक्त देश दुनिया के कोने-कोने में 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाएंगे। इस उत्सव में विधि-विधान से श्रीगणेश का पूजन अर्चन भी करेंगे और उन्हें तरह-तरह के भोग भी लगाएंगे, लेकिन मोदक गणेश जी का सबसे प्रिय भोग होता है। भक्त मोदक का भोग तो लगाते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि अखिर मोदक गणेश जी को अधिक पसंद क्यूं है? जानें मोदक का अद्भूत रहस्य।

 

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मोदक की कथा

एक प्राचीन कथानुसार, एक समय सभी देवताओं जगत माता पार्वती जी को अमृत से तैयार किया हुआ एक दिव्य मोदक दिया। मोदक देखकर शिवजी के दोनों पुत्र श्री कार्तिकेय जी एवं विघ्नहर्ता श्रीगणेश जी ने माता पार्वती से मोदक मांगने लगे। तब माता पार्वती ने दोनों पुत्रों से कहा की यह मोदक अमृत से बना हुआ है, इसलिए यह आप दोनों के सहजता से प्राप्त नहीं होगा।

 

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आद्यशक्ति माता पार्वती ने कहा अगर इसे प्राप्त करना चाहते हो तो आप दोनों को एक परीक्षा देनी होगी और जो भी उत्तीर्ण होगा उसे ही यह मोदक मिलेगा। अब सुनो आप दोनों में से जो भी धर्माचरण के द्वारा श्रेष्ठता प्राप्त करके सबसे पहले ब्रह्मांड के सभी तीर्थों का दर्शन करके आएगा, वही मोदक का सच्चा अधिकारी होगा।

 

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माता पार्वती की बात सुनकर श्री कार्तिकेय जी अपने वाहन मयूर (मोर) पर आरूढ़ होकर तीर्थ दर्शनों के लिए निकल पड़े। लेकिन श्रीगणेश जी का वाहन मूषक बहुत छोटा एवं उड़ने में असमर्थ होने के कारण वे तीर्थ दर्शन में असमर्थ थे और उन्होंने श्रद्धापूर्वक अपने माता-पिता (शिव-पार्वती) की परिक्रमा और पूजा करके उनके सम्मुख सबसे पहले खड़े हो गए।

 

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श्री गणेश जी के दवारा ऐसा करते देख माता पार्वतीजी ने कहा कि समस्त तीर्थों में किया हुआ स्नान, सम्पूर्ण देवताओं को किया हुआ नमस्कार, सब यज्ञों का अनुष्ठान तथा सब प्रकार के व्रत, मन्त्र, योग और संयम का पालन- ये सभी साधन माता-पिता के पूजन के सोलहवें अंश के बराबर भी नहीं हो सकते। इसलिए यह गणेश सैकड़ों पुत्रों और सैकड़ों गणों से भी बढ़कर है। अतः यह मोदक मैं स्वयं गणेश को ही दे दिया एवं इसी के साथ प्रथम पूज्य होने का आशीर्वाद भी दे दिया। तभी से गणेश को मोदका भोग लगाया जाने लगा।

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Ganesh Chaturthi 2019 : modak prasad

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