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गुरु गोबिंद सिंह की शिक्षाएं जिनमें छिपा है सक्सेस मंत्र, ये दे सकती हैं करियर को मुकाम

गुरु गोविंद सिंह जयंती 2022 इस साल साल दिसंबर महीने की 29 तारीख को पड़ रही है। गुरु की जयंती पर हम आपको गुरु गोबिंद सिंह की ऐसी शिक्षाएं बता रहे हैं, जिनमें सक्सेस मंत्र (Guru Gobind Singh Success Mantra) छिपा है और इसे अपनाकर आप तरक्की की सीढ़ी चढ़ सकते हैं।

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Shailendra Tiwari

Dec 27, 2022

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गुरु गोविंद सिंह के सक्सेस मंत्र

भोपाल. गुरु और संतों की शिक्षाएं न केवल धार्मिक और नैतिक उत्थान का रास्ता दिखाती हैं, बल्कि आपके रोजमर्रा के जीवन में भी तरक्की की राह खोलती हैं। यह बातें उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान से कहीं हैं।

गुरु गोविंद सिंह की भी बातें ऐसे ही हैं, जिनकी सीख में सक्सेस मंत्र छिपा है। कई बार वर्कशॉप, सेमिनार में आज के जमाने के प्रबंधक इनका जिक्र भी करते देखे जाते हैं। इनका पालन कर आप करियर को मुकाम पर पहुंचा सकते हैं तो सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह की जयंती से पहले आइये जानते हैं गुरुवाणी की वे बातें जिसमें सक्सेस मंत्र छिपा है।

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गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्वः गुरु गोविंद सिंह की जयंती यानी गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व पौष शुक्ल सप्तमी को मनाया जाता है। यह तिथि इस साल 29 दिसंबर को पड़ रही है। ये गुरु तेग बहादुर के बलिदान के बाद नौ साल की उम्र में 11 नवंबर 1675 को सिखों के दसवें गुरु बने थे। हालांकि इन्होंने बाद में गुरु परंपरा को खत्म कर दिया और उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को ही सिखों का गुरु घोषित कर दिया।

गुरु गोविंद सिंह की शिक्षाएं: गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर गुरु की प्रमुख शिक्षाएं ये हैं, जिनमें आज के सक्सेस मंत्र को पहचाना जा सकता है।


1. धरम दी किरत करनीः गुरु गोबिंद सिंह की इस शिक्षा का अर्थ है ईमानदारी से काम करते हुए अपनी आजीविका चलाएं। इस सीख का आज के जमाने में भी काफी महत्व है, ईमानदार व्यक्ति पर लोगों का भरोसा होता है। वह अपने उच्च अधिकारियों का विश्वासी हो सकता है, जिससे उसकी भी तरक्की का रास्ता खुलता है। साथ ही जो व्यक्ति ईमानदारी से काम करता है, उसके काम की अलग पहचान होती है।


2. दसवंत देनाः गुरु की शिक्षा के मुताबिक हर व्यक्ति को अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है, सकारात्मक व्यक्ति बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का धैर्य से सामना कर लेता है।


3. कम करन विच देरदार नहीं करनाः गुरु की इस सीख का अर्थ है काम में कोताही न करें, काम में खूब मेहनत करें। आज तमाम प्रबंधक सफलता को लेकर सलाह देते हैं कि सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता, वहीं परिश्रम से आप कठिन से कठिन हालात को अनुकूल बना लेते हैं। साथ ही काम में ढिलाई से कार्यस्थल पर छवि प्रभावित होती है, जिससे आपकी तरक्की में बाधा आती है।

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4. धन, जवानी, कुल जात दा अभिमान नहीं करनाः इस का अर्थ है कि जवानी, जाति, कुल और धर्म पर घमंड नहीं करना चाहिए। घमंडी व्यक्ति से लोग दूर हो जाते हैं, उसे कार्यस्थल पर दूसरों का सहयोग नहीं मिल पाता। ऐसा व्यक्ति अच्छा टीम लीडर नहीं बन सकता। इसके अलावा उसका काम भी प्रभावित होता है।


5. किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नहीं करनाः इसका अर्थ है किसी की चुगली और निंदा से बचें, ईर्ष्या की जगह मेहनत करें। किसी की चुगली और निंदा आदि दुर्गुण से करीब रहेंगे तो आप विवाद में पड़ेंगे, आपके जीवन में नकारात्मकता आएगी। कार्यस्थल का माहौल खराब होगा और आपका काम प्रभावित होगा। आपकी छवि भी खराब होगी, जो आखिरकार आपकी तरक्की में बाधक बनेगी।


6. परदेसी, लोरवान, दुखी अपंग, मानुष दि यथाशक्त सेवा करनीः किसी परदेशी, दुखी व्यक्ति, विकलांग व्यक्ति और जरूरतमंद शख्स की मदद करें। यह सीख आत्मिक उन्नति के लिए तो सोने की तरह बेशकीमती है ही, इसे जीवन में लाकर व्यक्ति मिलनसार बने और जरूरतमंदों का मददकर लोगों का चहेता बन सकता है। इससे उसके अच्छे दोस्त बनेंगे और विपरीत परिस्थिति में दोस्त बड़े मददगार बनकर सामने आ सकते हैं। यह स्वभाव आपकी तरक्की को भी पंख लगा सकती है।


7. बचन करकै पालनाः इस सीख का अर्थ है कि वादों पर खरा उतरने की कोशिश करें। यह किसी भी व्यक्ति की सफलता की बुनियाद है। इससे व्यक्ति में अनुशासन आता है और उसकी बात पर लोगों का भरोसा बढ़ता है। अगर व्यक्ति समय से काम करता है तो उसे कार्यस्थल पर ज्यादा जिम्मेदारी मिलती है। व्यापार या स्वरोजगार में ऐसे व्यक्ति को लोग तवज्जो देते हैं जो अपनी बात का पक्का होता है।


8. शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करनाः इसका अर्थ है कि खुद को सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव पर ध्यान देना चाहिए, हथियार चलाना सीखना चाहिए और घुड़सवारी सीखनी चाहिए। कहते हैं सेहत सबसे बड़ा धन है, जिस व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है, वही अपने काम ढंग से पूरा कर पाता है। इसलिए किसी भी काम के लिए अच्छी सेहत का मालिक होना जरूरी है। इसके लिए ध्यान देना चाहिए। भारतीय क्रिकेट टीम ने भी इस तरह के नुस्खे को अपनाकर अपने परफॉर्मेंस में सुधार किया है।


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9. जगत जूठ तंबाकू बिखिया दि तियाग करनाः इसका अर्थ है नशे से दूर रहें। तंबाकू व्यक्ति का जीवन बर्बाद कर देती है, जीवन भी ले लेती है। इसलिए इससे दूर रहने में ही भलाई है, जो व्यक्ति नशे से दूर रहेगा वह अपनी क्षमताओं का सही इस्तेमाल कर तरक्की कर सकता है।