
ये हैं इस साल होलिका पूजन, दहन का सबसे सटीक शुभ मुहूर्त
9 मार्च दिन सोमवार को साल 2020 की होलिका का दहन होगा, जो हर साल फागुन मास की पूर्णिमा तिथि होता है। इस साल होलिका पूजन और दहन के सबसे अच्छा सटीक शुभ मुहूर्त केवल 2 घंटा 26 मिनट ही रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में विधिवत पूजन कर होलिका दहन करने से सभी भौतिक व आध्यात्मिक कामनाएं पूरी होने लगती है।
होलिका दहन से पहले इन सामग्रियों को इकट्ठा करें-
पूजा सामग्री में एक लोटा गंगाजल या ताजा शुद्ध जल, रोली, खुले फूल व 4 फूल माला, सात रंग में रंगे रंगीन चावल, सुगंधित धूप, गुड़ या मिठाई, कच्चा सूत, साबूत हल्दी, मूंग, बताशे, नारियल एवं नई फसल के अनाज गेंहू की बालियां, पके चने एवं गोबर से बनी ढाल आदि।
ऐसे करें होलिका दहन से पहले और बाद में पूजन
- होलिका दहन के शुभ मुहूर्त के समय चार मालाएं- मौली, फूल, गुलाल, ढाल और खिलौनों से बनाई हुई।
- एक माला पितरों के नाम की, दूसरी श्री हनुमान जी के लिये, तीसरी शीतला माता के लिए और चौथी घर परिवार के नाम की।
- सभी पूजन सामग्री को नीचे रखकर होली के चारों ओर सात परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत को सात बार लपेटे।
- अब पंचोपचार विधि से होलिका का पूजन कर जल से अर्घ्य दें।
- पूजन के बाद 5 बार गायत्री मंत्र बोलते हुये होलिका को अग्नि से दहन करें।
- होलिका दहन के बाद पहले थोड़ा सा शुद्ध जल अर्पित करने के बाद सभी अन्य पूजा सामग्रियों को एक एक कर जलती होलिका में अर्पित करें।
- पूजन के बाद भगवान नरसिंह के निमित्त जलती होलिका में कच्चे आम, नारियल, गेहूं, उड़द, मूंग, चना, चावल जौ और मसूर, चीनी के खिलौने, नई फसल आदि को एक साथ मिलकार 11 आहुति प्रदान करें।
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होलिका दहन एवं पूजन का शुभ मुहूर्त
- 9 मार्च दिन सोमवार को फागुन मास की पूर्णिमा तिथि सुबह 3 बजकर 3 मिनट पर आरंभ हो जाएगी।
- 9 मार्च को ही पूर्णिमा तिथि का समापन- रात 11 बजकर 17 पर हो जाएगा।
- पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन करने के लिए सबसे उत्तम शुभ मुहूर्त केवल 2 घंटे 23 तक ही रहेगा।
- होलिका दहन के लिए सटीक शुभ मुहूर्त- 9 मार्च को शाम 6 बजकर 26 मिनट से रात 8 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।
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Published on:
07 Mar 2020 02:15 pm
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