scriptमहाशिवरात्रि पर क्या है चार पहर पूजा का विधान, हर पहर की पूजा का मिलता है अलग फल | Mahashivratri 2023: Know Significance of Char Pahar Puja, and Vidhi | Patrika News
त्योहार

महाशिवरात्रि पर क्या है चार पहर पूजा का विधान, हर पहर की पूजा का मिलता है अलग फल

Mahashivratri char pahar puja vidhi क्या आप जानते हैं आखिर क्या है चार पहर की पूजा का विधान? अगर नहीं तो पत्रिका.कॉम के इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा आपको बता रहे हैं महाशिवरात्रि पर क्या है चार पहर पूजा का महत्व और उसकी विधि…?

Feb 18, 2023 / 11:24 am

Sanjana Kumar

mahashivratri_par_char_pahar_ki_puja.jpg

Mahashivratri char pahar puja vidhi हिंदु धर्म में महाशिवरात्रि पर्व एक महापर्व या महत्वपूर्ण पर्व माना गया है। फाल्गुन माह के कृष्ण चतुर्दशी पर मनाया जाने वाला यह त्योहार महादेव शिव और माता पार्वती के विवाह का पर्व है। इस दिन इनका विवाह हुआ था।

इस पर्व पर व्रत रखने, मंत्र का जाप करने और रात्रि जागरण का विशेष महत्व माना गया है। इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण मानी गई है चतुर्दशी तिथि पर चार पहर की पूजा। क्या आप जानते हैं आखिर क्या है चार पहर की पूजा का विधान? अगर नहीं तो पत्रिका.कॉम के इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा आपको बता रहे हैं महाशिवरात्रि पर क्या है चार पहर पूजा का महत्व और उसकी विधि…?

महाशिवरात्रि पर चार पहर की पूजा का महत्व Mahashivratri char pahar puja vidhi
माना जाता है कि महाशिवरात्रि का हर क्षण शिव कृपा से भरा होता है। वैसे तो ज्यादातर लोग प्रात:काल ही पूजा करते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि के इस पर्व पर रात्रि की पूजा सबसे अधिक फलदायी मानी गई है।

इसमे भी चार पहर की पूजा को ज्यादा अहमियत दी गई है। ये पूजा शाम से शुरू होती है और ब्रह्म मुहूर्त तक की जाती है। इस पूजा में पूरी रात का पूजा का विधान है। मान्यता है कि चार पहर की पूजा से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, सब प्राप्त हो जाते हैं।

पहले पहर की पूजा Mahashivratri char pahar puja vidhi
पहले पहर की पूजा आमतौर पर संध्याकाल में होती है। इसका समय प्रदोष काल में शाम 6.00 बजे से 9.00 बजे के बीच रहता है। इस पूजा में शिव जी को दूध अर्पित किया जाता है। जल की धारा से उनका अभिषेक किया जाता है। इस पहर की पूजा में शिव मंत्र का जाप कर सकते हैं या फिर चाहें तो शिव स्तुति करें।

दूसरे पहर की पूजा Mahashivratri char pahar puja vidhi
दूसरे पहर की यह पूजा रात लगभग 9.00 बजे से 12.00 बजे के बीच की जाती है। इस पूजा में शिव जी को दही अर्पित किया जाता है। साथ ही जल धारा से उनका अभिषेक किया जाता है। दूसरे पहर की इस पूजा में शिव मंत्र का जाप करना चाहिए। इस पहर की पूजा से व्यक्ति को धन और समृद्धि मिलती है।

तीसरे पहर की पूजा Mahashivratri char pahar puja vidhi
तीसरे पहर की यह पूजा मध्य रात्रि में करीब 12.00 बजे शुरू की जाती है और 3.00 बजे तक की जाती है। इस पूजा में शिव जी को घी अर्पित किया जाता है। इसके बाद जल धारा से उनका अभिषेक करना चाहिए। इस पहर में शिव स्तुति करना विशेष फलदायी माना गया है। शिव जी का ध्यान करना भी इस पहर में फलदायी माना गया है। माना जाता है कि इस पहर की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी हो जाती है।

चौथे पहर की पूजा Mahashivratri char pahar puja vidhi
चौथे पहर की यह पूजा ब्रह्ममुहूर्त में सुबह करीब 3.00 बजे से सुबह 6.00 बजे के बीच की जाती है। इस पूजा में शिव जी को शहद अर्पित किया जाता है। इसके बाद जल धारा से अभिषेक किया जाता है। इस पहर में शिव मंत्र का जाप और स्तुति दोनों ही फलदायी मानी गई है। माना जाता है कि इस पूजा से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और वह मोक्ष प्राप्ति का अधिकारी हो जाता है।

https://youtu.be/ID4Hrn_EE9M
https://www.dailymotion.com/embed/video/x8iekpp

Home / Astrology and Spirituality / Festivals / महाशिवरात्रि पर क्या है चार पहर पूजा का विधान, हर पहर की पूजा का मिलता है अलग फल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो