
मोक्षदा एकादशी : व्रत, पूजा विधि एवं मुहूर्त 8 दिसंबर 2018
एकादशी तिथि वैसे तो हर महीने में 2 बार आती है और सबका अपना-अपना महत्व भी होता है। लेकिन साल में कुछ एकादशी भी ऐसी आती है जिनका महत्व सबसे अधिक माना जाता है। उन्हीं में से एक हैं मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध में अर्जुन को श्रीमदभगवत गीता रूप ब्रह्मज्ञान प्रदान किया था। इस एकादशी तिथि का व्रत रखने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलने के साथ जीवन मरण के चक्कर से मुक्ति अर्थात मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। इस साल 2019 में मोक्षदा एकादशी 8 दिसंबर दिन रविवार को है।
मोक्षदा एकादशी पूजा विधि एवं मुहूर्त
मोक्षदा एकदशी के दिन पवित्र तीर्थ में स्नान करने या फिर गंगाजल मिले जल में स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थल या फिर किसी देवालय मंदिर पूजा अर्चना करें। पूजा से पूर्व हाथ में अक्षत एवं जल लेकर व्रत करने का संकल्प लें। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीमदभगवत गीता का पूजन करें। मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान श्री दामोदर की पूजा, धूप, दीप नैवेद्ध, अक्षत आदि से करना चाहिए। इस व्रत का समापन द्वादशी तिथि के दिन गरीबों, कन्याओं या फिर सतपथ ब्राह्माणों को भोजन कराकर सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा देने से अनंत पुण्यफल प्राप्त होता है। इस व्रत को करने वाले व्रती के पूर्वज जो नरक में चले गये है, उन्हें भी मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मोक्षदा एकादशी मुहूर्त
- 8 दिसंबर दिन रविवार को मोक्षदा एकादशी तिथि सूर्योदय से पूर्व ही प्रारंभ हो जाएगी एवं मोक्षदा एकादशी का समापन रविवार को ही रात्रि में समाप्त हो जायेगी ।
- मोक्षदा एकादशी का व्रत सूर्योदय से लेकर दूसरे दिन सूर्यास्त से पहले ही उपवास खोला जाता है।
- व्रत खोलने से पूर्व भोजन, दान आदि का क्रम करने से व्रत सफल माना जाता है।
- इस मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के कृष्ण स्वरूप की पूजा करने का विधान है।
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Published on:
30 Nov 2019 12:54 pm
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