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Narak Chaturdashi Deepdan Muhurt: नरक चतुर्दशी पर कितने दीपक जलायें, जाने नरक चतुर्दशी पर दीपदान का मुहूर्त  

Narak Chaturdashi Deepdan Muhurt दिवाली का पर्व तो सब माना ही लेते है, लेकिन क्या आपको पता है कि नरक चतुर्दशी के दिन कितने दिये जलाने चाहिए। और क्या है इन दीयों का महत्व आएये जानते हैं...

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Narak Chaturdashi Deep Dan Mahurat

Narak Chaturdashi Deep Dan Mahurat

Narak Chaturdashi Deep Dan Mahurat: नरक चतुर्दशी दिवाली या उससे एक दिन पहले आता है। इस तिथि को छोटी दिवाली के नाम से भी जानते हैं। इस दिन दीपदान और घर-घर यम दीप जलाने का विशेष महत्व है। लेकिन क्या आपको पता है कि नरक चतुर्दशी पर कितने दीपक जलाने चाहिए।

नरक चतुर्दशी कब है और दीपदान का मुहूर्त (Narak Chaturdashi kab hai Aur Deepdan Muhurt)

नरक चतुर्दशी पर मां लक्ष्मी, कुबेर और यमराज की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार यहां जानिए कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानी नरक चतुर्दशी डेट और दीपदान का मुहूर्त

चतुर्दशी तिथि प्रारंभः 30 अक्टूबर दोपहर 01:16 बजे से
चतुर्दशी तिथि समापनः 31 अक्टूबर दोपहर 03:53 बजे तक
नरक चतुर्दशीः 31 अक्टूबर गुरुवार को (हालांकि इस तिथि के निमित्त दीपदान 30 को ही हो जाएगा )

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नरक चतुर्दशी दीपदान का मुहूर्त (Deepdan Muhurt)

दीपदान का मुहूर्तः 30 अक्टूबर शाम 05.30 बजे से शाम 07.02 बजे तक

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नरक चतुर्दशी पर जलाते हैं इतने दीये(Diya On Narak Chaturdashi)

मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी पर प्रदोषकाल में 14 दीये जलाए जाते हैं। ये दीये अलग-अलग देवताओं के निमित्त होते हैं। इसमें से एक दीया यमराज के निमित्त होता है। मान्यता है कि इससे व्यक्ति नरक के दुख से मुक्ति पा जाता है। इसी प्रकार दूसरा दीया मां काली का और तीसरा दीया भगवान श्री कृष्ण के नाम का होता है।

पांचवां दीया घर की पूर्व दिशा में, छठवां दीया रसोई में, सातवां दीया घर की छत पर, आठवां दीया तुलसी के पौधे के पास और बाकी दीये घर के अलग-अलग हिस्सों में रखे जाते हैं। इष्ट देवताओं के लिए इस दिन घी का दीया जलाना चाहिए। हालांकि इसमें यह ध्यान रखना चाहिए की दीया ऐसी जगह जलाएं, जहां किसी का पैर न लगे।

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क्या है इन दीयों का अर्थ (Narak Chaudas Deepak Meaning)

मान्यताओं के अनुसार नरक चतुर्दशी पर घर के दक्षिण दिशा में चौमुखा यम दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। यम देवता पूरे परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। इसके साथ ही मां काली के नाम का दीया जलाने से अनंत फल मिलता है, ज्ञान की वृद्धि होती है। साथ ही मां काली की कृपा से परिवार के लोग नजर दोष से बचते हैं। घर में प्यार और सौभाग्य को बढ़ाने के लिए घर के मुख्य द्वार पर भी दीपक रखा जाता है।

इसके अलावा घर की पूर्व दिशा में दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। छठवां दीया रसोई में मां अन्नपूर्णा के लिए जलाया जाता है। इसी तरह से अन्य दीये भी अलग-अलग देवी देवताओं के लिए जलाए जाते हैं। इनसे घर वालों के सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है।