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नर्मदा जयंती 2020 : नर्मदा मैया की आरती

नर्मदा जयंती 2020 : नर्मदा मैया की आरती

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भोपाल

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Shyam Kishor

Jan 31, 2020

नर्मदा जयंती 2020 : माँ नर्मदा की आरती

नर्मदा जयंती 2020 : माँ नर्मदा की आरती

1 फरवरी दिन शनिवार को पुण्य सलिला पतित पावनी मेकल सुता, शांकरी, मध्यप्रदेश के अमरकंटक से लेकर गुजरात के भरूच तक कल-कल कर बहने वाली माँ नर्मदा की पावन जयंती है। शस्त्रों की मान्यतानुसार गंगा, यमुना, सरस्वती आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य मिलता है और पापों से मुक्ति मिलती है। लेकिन नर्मदा नदी के केवल दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है। प्रति वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को माँ नर्मदा की जयंती मनाई जाती है। नर्मदा जयंती के दिन विधिपत पूजा अर्चना करने के बाद नर्मदा मैया की इस आरती को गाकर माता की वदंना करें। माँ सभी इच्छाएं पूरी कर देंगी।

नर्मदा जयंती 1 फरवरी : इस विधि से करें पूजन व दीपदान, हो जाएगी हर कामना पूरी

।। माँ नर्मदा जी की आरती ।।

जय जगदानन्‍दी, मैया जय जगदानन्‍दी।
जय जगदानन्दी, मैया जय जगदानन्‍दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरिशंकर,
रुद्री पालन्ती। ॐ जय जगदानन्दी।।
जय जगदानन्‍दी, मैया जय जगदानन्‍दी।।

नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पद चण्डी।
हो मैया अभिनव पद चण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि जन सेवत।
शारद पद वन्‍दी। ॐ जय जगदानन्दी।।
जय जगदानन्‍दी, मैया जय जगदानन्‍दी।।

फरवरी 2020 के मुख्य व्रत पर्व त्यौहार

धूम्रक वाहन राजत, वीणा वादन्‍ती।
हो मैया वीणा वादन्‍ती।
झुमकत-झनकत-झननन, झुमकत-झनकत-झननन
रमती राजन्ती। ॐ जय जगदानन्दी।।
जय जगदानन्‍दी, मैया जय जगदानन्‍दी।।

बाजत ताल मृदंगा, सुर मण्डल रमती।
हो मैया सुर मण्डल रमती।
तुडितान- तुडितान- तुडितान, तुरडड तुरडड तुरडड
रमती सुरवन्ती। ॐ जय जगदानन्दी।।
जय जगदानन्‍दी, मैया जय जगदानन्‍दी।।

माँ लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न, शुक्रवार केवल एक बार करके देखें ये टोटका

सकल भुवन पर आप विराजत, निशदिन आनन्दी।
हो मैया निशदिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा शंकर
तुम भव भय हंती। ॐ जय जगदानन्दी।।
जय जगदानन्‍दी, मैया जय जगदानन्‍दी।।

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
हो मैया अगर कपूर बाती।
अमरकंटक में राजत, घाट घाट में राजत
कोटि रतन ज्योति। ॐ जय जगदानन्दी।।
जय जगदानन्‍दी, मैया जय जगदानन्‍दी।।

मैयाजी की आरती निशदिन जो गावे,
हो रेवा जुग-जुग जो गावे, भजत शिवानन्द स्वामी
जपत हर‍िहर स्वामी, मनवांछित पावे।
ॐ जय जगदानन्दी।। मैया जय जगदानन्‍दी।।
जय जगदानन्‍दी, मैया जय जगदानन्‍दी।।

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