
निर्जला एकादशी मुहूर्त 13 जून : व्रत के साथ भगवान विष्णु के इस मंत्र का जप करने से हो जाती है अनेक मनोकामना पूरी
साल के कुल 24 एकादशी तिथि आती है, इन तिथियों में व्रत करने से भगवान नारायण का विशेष आशीर्वाद मिलता है। लेकिन इन 24 एकादशियों में से ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसे निर्जला एकादशी कहा जाता है, को सबसे अधिक महत्वपूर्ण एकादशी माना गया है। इस दिन 24 घंटे बिना अन्न जल लिए निर्जला व्रत रखा जाता है। इस साल निर्जला एकादशी व्रत पर्व 13 जून दिन गुरुवार को है।
भगवान नारायण की आराधना
निर्जला एकादशी व्रत उपवास के कठोर नियमों के कारण सभी एकादशी के व्रतों में यह सबसे कठिन व्रत माना जाता है। जो निर्जला एकादशी व्रत करते हैं वे श्रद्धालु भोजन ही नहीं बल्कि दिन भर पानी की एक बूंद भी ग्रहण नहीं करते और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान नारायण के विशेष मंत्रों का जप, श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ, श्री सत्यनारायण कथा एवं एकदशी कथा का पाठ करते हैं।
एकादशी व्रत के लाभ
जो श्रद्धालु साल भर में पड़ने वाली सभी चौबीस एकादशियों का उपवास करने में सक्षम नहीं होते, अगर वे केवल एक निर्जला एकादशी का उपवास कर लेते हैं तो उन्हें दूसरी सभी एकादशियों का लाभ स्वतः ही मिल जाता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से कई जन्मों के पापों का नाश भी हो जाता है।
निर्जला एकादशी शुभ मुहूर्त
- 12 जून 2019- दिन बुधवार को शाम 7 बजकर 6 मिनट से निर्जला एकादशी तिथि का आरंभ हो जायेगा। लेकिन इसका व्रत 13 जून को सूर्योदय के साथ ही प्रारंभ होगा।
- 13 जून 201 को शाम 5 बजकर 13 मिनट पर निर्जला एकादशी का समापन हो जायेगा।
इस मंत्र का करें जप
इस व्रत को विष्णु भगवान का सबसे प्रिय वृत बताया गया है, निर्जला एकादशी को पूरे दिन- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र कम से कम 1100 बार का जप करना चाहिए।
निर्जला एकादशी वृत के नियम
- निर्जला एकादशी के दिन सूर्योदय से 2 घंटे पहले से यह व्रत आरंभ हो जाता है।
- इसलिए इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद संकल्प लेकर वृत प्रारंभ कर देना चाहिए।
- इस दिन भगवान श्री विष्णु की विशेष आराधना करनी चाहिए।
- इस दिन आलस्य, ईर्ष्या, झूठ व बुराई जैसे पाप नहीं करने चाहिए।
- किसी का भी दिल नहीं दुखाना चाहिए।
- इस दिन माता-पिता और गुरु का चरण स्पर्श कर आर्शीवाद लेना चाहिए।
- इस दिन श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए।
- पूरे दिन बिना कुछ खाये उपवास रहना चाहिए।
- भोजन ही नहीं बल्कि दिन भर पानी की एक बूंद भी ग्रहण नहीं करनी चाहिए।
**********
Published on:
12 Jun 2019 01:01 pm
बड़ी खबरें
View Allत्योहार
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
