
vaidik rakhi : इन पांच चीजों से मिलकर बनी राखी भाई-बहन दोनों के जीवन में होने लगता है सौभाग्य का उदय
रक्षा बंधन ( Raksha Bandhan ) यानि राखी, इस त्यौहार को लेकर पूरे भारतवर्ष में विशेषकर हिंदूओं में पूरा उल्लास दिखाई देता है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक बन चुका यह त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल 2019 में 15 अगस्त गुरुवार को मनाया जायेगा रक्षा बंधन का पर्व। धर्म शास्त्रों के अनुसार, घर में वैदिक राशि बनाकर उसे ही बांधना चाहिए। वैदिक रीति रिवाज़ों से बने व बंधे रक्षासूत्र से ही वास्तव में रक्षाबंधन के पर्व की सार्थकता होती है। रक्षाबंधन के दिन बहनों को भाई की कलाई पर वैदिक विधि से बनी राखी जिसे असल में रक्षासूत्र कहा जाता है। वैदिक राखी - जानें वैदिक रक्षासूत्र बनाने एवं बांधने की विधि।
शास्त्रोंक्त मान्यता है कि सावन के मौसम में यदि रक्षासूत्र को कलाई पर बांधा जाये तो इससे संक्रामक रोगों से लड़ने की हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। साथ ही यह रक्षासूत्र हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचरण भी करता है।
ऐसे बनायें वैदिक रक्षासूत्र (राखी)
बहनें अपने भाई के लिए बाज़ार से राखी न लाकर घर पर ही वैदिक राखी बनाकर बांधे। वैदिक राखी बनाने के लिये दुर्वा घास यानि कि दूब जिसे आप घास भी कहते हैं। अब जितनी राखी बनाना है उसके अनुसार थोड़े से चावल चावल के साबुद दानों को हल्दी लगाकर पीला कर लें, चंदन, सरसों और केसर एवं रेशम का धागा ये पांच चीज़ें एकट्टा कर लें।
दुर्वा, चावल, केसर, चंदन, सरसों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर एक पीले रंग के रेशमी कपड़े में बांध लें यदि इसकी सिलाई कर दें तो यह और भी अच्छा रहेगा। इन पांच पदार्थों के अलावा कुछ राखियां हल्दी, कौड़ी व गोमती चक्र से भी बना सकते हैं। रेशमी कपड़े में लपेट कर बांधने या सिलाई करने के पश्चात इसे कलावे (मौली) में पिरो दें, आपकी वैदिक राखी बनकर तैयार हो गई। वहीं दुर्वा, अक्षत, केसर, चंदन, सरसों से बना रक्षासूत्र भी शुभ व सौभाग्यशाली माना जाता है।
वैदिक राखी बांधने का वैदिक मंत्र
1- येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबद्धनामि रक्षे मा चल मा चल।।
2- जनेन विधिना यस्तु रक्षाबंधनमाचरेत।
स सर्वदोष रहित, सुखी संवतसरे भवेत्।।
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Published on:
13 Aug 2019 04:31 pm
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