
Shrawan Shivratri
Sawan Shivratri: सावन का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है। हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना सावन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना गया है,जिसके चलते इस पावन माह में भगवान शिव की भक्त खास पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस माह में पूजा करने वालों की भगवान शंकर सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
ऐसे में जहां इस पूरे माह में भक्त भगवान शिव की आराधना व उपासना में लीन रहते हैं वहीं इस दौरान भगवान शिव के कुछ विशेष दिन भी आते हैं, जिनके संबंध में मान्यता है कि वे इन दिनों में अत्यंत आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। इन दिनों में सावन के सोमवार, प्रदोष के अलावा मासिक शिवरात्रि को अत्यंत खास माना जाता है।
वहीं सोमवार को लेकर ये भी मान्यता है कि इस माह से शुरु कर 16 सोमवार तक भगवान शिव की विधिवत पूजा-उपासना करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होने के साथ ही लंबी उम्र का वरदान भी मिलता है।
वर्तमान में भी सावन 2021 चल रहा है, ऐसे में आज हम आपको इस माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि के संबंध में बता रहे हैं।
पंडित एके शुक्ला के अनुसार हिंदू पंचाग में हर महीने के कृष्ण पक्ष के 14वें दिन मासिक शिवरात्रि का दिन आता है, वहीं सावन माह में आने वाली शिवरात्रि अत्यंत विशेष मानी जाती है, इसे सावन शिवरात्रि भी कहते हैं।
हिंदू पंचाग में हर साल में 12 शिवरात्रि होती हैं, लेकिन इनमें से 2 शिवरात्रि का खास महत्व माना गया है। इनमें सबसे प्रमुख फाल्गुल मास की शिवरात्रि मानी जाती है, जिसे महाशिवरात्रि भी कहते हैं। वहीं इसके अतिरिक्त दूसरी महत्वपूर्ण शिवरात्रि सावन की मानी जाती है।
ऐसे में हिंदूधर्मावलंबी सावन मास की इस शिवरात्रि को भी व्रत रखते हैं। वहीं साल 2021 में सावन की शिवरात्रि शुक्रवार, 06 अगस्त को है। जानकारों के अनुसार भगवान शिव के इस पर्व पर रात्रि पूजा का महत्व होने के कारण ही इस बार इसे 06 अगस्त को मनाया जाएगा।
सावन की इस शिवरात्रि को भगवान शिव के परिवार की पूजा का विधान है। इस दिन व्रत के साथ ही मंत्र जाप और रात्रि जागरण का भी अत्यंत महत्व है। मान्यता के अनुसार इस शिवरात्रि के दिन भगवान शिव सहित मां गौरी की पूजा से दांपत्य जीवन की समस्याएं पूरी तरह से समाप्त होती हैं।
सावन शिवरात्रि 2021 का शुभ मुहूर्त-
सावन की चतुर्दशी तिथि शुरु: शुक्रवार 06 अगस्त 2021: 06:28 PM से
सावन की चतुर्दशी तिथि का समापन: शनिवार 07 अगस्त 2021 : 07:11 PM तक
ध्यान रहे शिवरात्रि का अर्थ रात से होता है और इस पर्व पर रात्रि में पूजा का ही खास महत्व है, अत: ऐसे में उदया तिथि न देखते हुए रात्रि काल को देखा जाता है।
सावन शिवरात्रि पर शिवलिंग का गंगाजल और दूध से अभिषेक करना चाहिए। वहीं इस दौरान आटे के 11 शिवलिंग बनाएं और हर एक शिवलिंग का 108 बार अभिषेक करते हुए ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। माना जाता है कि ऐसा करने से संतान प्राप्ति में हो रही समस्याएं हट जाती हैं।
16 सोमवार के व्रत के अलावा विवाह संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस दिन शिवलिंग के साथ मां गौरी का गुलाब के फूलों की माला से गठबंधन करें। माना जाता है कि ऐसा करने से विवाह संबंधी कैसी भी समस्या हो दूर हो जाती है।
Published on:
01 Aug 2021 07:23 pm
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