
june 2021 Som pradosh
हिंदू कैलेंडर की तीसरे माह यानि ज्येष्ठ मास में इस बार 07 जून 2021, सोमवार को सोम प्रदोष पड़ रहा है। ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 07 जून 2021 को पड़ रही है, ऐसे में इस दिन प्रदोष व्रत का भी रहेगा वहीं इस दिन सोमवार होने के कारण ये व्रत Som Pradosh कहलाएगा। जानकारों के अनुसार इस बार का प्रदोष व्रत बहुत लाभकारी होगा।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त...
ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत सोमवार, 07 जून 2021 को किया जाएगा।
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 07 जून : सुबह 08 बजकर 48 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 08 जून : सुबह 11 बजकर 24 मिनट तक
पूजा मुहूर्त: Puja Muhurat 2021
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस सोम प्रदोष के दिन यानि 07 जून को शाम 07 बजकर 17 मिनट से रात 09 बजकर 18 मिनट के मध्य पूजा कर लें। सोम प्रदोष व्रत पर Bhagwan Shiv की पूजा के लिए आपको प्रदोष काल में 2 घंटे 01 मिनट का समय ही मिलेगा।
प्रदोष व्रत की पूजा Time?
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करनी चाहिए। सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक का समय प्रदोष काल कहा जाता है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में Lord Shiv की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इस व्रत में फलाहार सेवन का ही विशेष महत्व है। प्रदोष व्रत Pradosh पूरे दिन रखा जाता है इसलिए व्रत में नियमों का पालन जरूरी है। सुबह नित्य कर्म के बाद स्नान करें और व्रत संकल्प लें। फिर दूध का सेवन करें और पूरे दिन व्रत धारण करें।
प्रदोष व्रत में क्या न खाएं-
प्रदोष काल में शिव जी की पूजा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करते समय लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक नहीं खाएं। याद रखें इससे पूर्व व्रत के समय आपको कुछ नहीं खाना है परंतु शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति फलाहार ले सकता है। व्रत उपवास के समय फलाहार और खान-पीन की चीजें एक बार ही ग्रहण करें बार बार मुंह झूठा करके आप व्रत भंग कर लेंगे।
क्या करें क्या न करें...
1. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
2. शुद्धता बनाए रखें।
3. शिव भक्ति में लगे रहें।
4. मन में कोई गलत विचार न आने दें साथ ही झूठ न बोलें।
5. बड़ों का सम्मान करें।
6. किसी को धोखा न दें।
7. संयम रखें।
8. लालच, क्रोध से दूर रहें।
9. बच्चों पर हाथ न उठाएं और साथ ही घर में कलह क्लेश भी न करें।
10. नशे से दूर रहें।
11. मुंह से कोई बुरा या गलत शब्द न निकालें।
इन मूहूर्त में न करें भगवान शिव की पूजा-
प्रदोष के दिन कभी भी राहुकाल,यमगण्ड,गुलिक काल,दुर्मुहूर्त या वर्ज्य जैसे अशुभ मुहूर्तों में भगवान शिव की पूजा नहीं की जानी चाहिए।
सोम प्रदोष व्रत की सावधानियां और नियम-
- घर में और घर के मंदिर में साफ सफाई का ध्यान रखें।
- साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही भगवान शिव परिवार की पूजा करें।
- सारे व्रत विधान में मन में किसी तरीके का गलत विचार ना आने दें।
- अपने गुरु और पिता के साथ सम्मान पूर्वक बात करें।
- सारे व्रत विधान में अपने आप को भगवान शिव को समर्पण कर दें।
- घर में तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन का प्रयोग ना करें।
- घर में आपसी सदस्य कलह क्लेश बिल्कुल ना करें।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए क्या करें इस दिन...
- इस दिन सूर्यास्त के समय अपने घर में ही या फिर शिवमंदिर में जाकर 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
- मंत्र जप से पहले गंगाजल से भगवान शिवजी का अभिषेक करें।
- पूजन के बाद अगर कोई दरिद्र या भूखा व्यक्ति मिल जाए तो उन्हें कुछ न कुछ दान अवश्य करें। ऐसा करने से सोम प्रदोष का व्रत सफल माना जाता है।
- शास्त्रों के अनुसार प्रदोष काल में शुद्धजल से भी शिवजी का अभिषेक 108 बार 'नमः शिवाय ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का उच्चारण करते हुए, करने से जाने-अंजाने में हुए पापकर्म के दुष्फल से मुक्ति मिल जाती है।
राशिनुसार सोम प्रदोष के दिन की पूजा सामग्री...
मेष- शहद, गुड़, गन्ने का रस, लाल पुष्प
वृषभ- कच्चा दूध, दही, श्वेत पुष्प।
मिथुन- हरे फलों का रस, मूंग, बिल्वपत्र।
कर्क- कच्चा दूध, मक्खन, मूंग, बिल्वपत्र।
सिंह- शहद, गु़ड़, शुद्ध घी, लाल पुष्प।
कन्या- हरे फलों का रस, बिल्वपत्र, मूंग, हरे व नीले पुष्प।
तुला- दूध, दही, घी, मक्खन, मिश्री।
वृश्चिक- शहद, शुद्ध घी, गु़ड़, बिल्वपत्र, लाल पुष्प।
धनु- शुद्ध घी, शहद, मिश्री, बादाम, पीले पुष्प, पीले फल।
मकर- सरसों का तेल, तिल का तेल, कच्चा दूध, जामुन, नीले पुष्प।
कुंभ- कच्चा दूध, सरसों का तेल, तिल का तेल, नीले पुष्प।
मीन- गन्ने का रस, शहद, बादाम, बिल्वपत्र, पीले पुष्प, पीले फल।
Published on:
05 Jun 2021 06:51 pm
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