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Vijaya Ekadashi 2023 विजया एकादशी कल, इस दिन जरूर करें ये काम

ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप पांडे के मुताबिक इस बार विजया एकादशी के दिन तीन बड़े शुभ योग बन रहे हैं। इस लेख में आप भी जानें विजया एकादशी का महत्व तथा शुभ योग की सही जानकारी...

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Sanjana Kumar

Feb 15, 2023

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Vijaya Ekadashi Vrat पंचांग के मुताबिक एक साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। सालभर मनाई जाने वाली इन एकादशियों का अपना अलग-अलग महत्व है। हिन्दु कैलेंडर में साल के अंतिम महीने फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहकर पुकारा जाता है। इस साल विजया एकादशी 16 फरवरी गुरुवार को मनाई जाएगी। माना जाता है कि किसी भी नए कार्य की शुरुआत यदि विजया एकादशी के दिन की जाए, तो यह बेहद शुभ फलदायी होता है। इस दिन शुरू किया गया कोई भी कार्य भगवान विष्णु की कृपा से बिना किसी बाधा के संपन्न होता है। ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप पांडे के मुताबिक इस बार विजया एकादशी के दिन तीन बड़े शुभ योग बन रहे हैं। इस लेख में आप भी जानें विजया एकादशी का महत्व तथा शुभ योग की सही जानकारी...

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विजया एकादशी तिथि Vijaya Ekadashi Vrat tithi
विजया एकादशी का व्रत फाल्गुन कृष्ण एकादशी को रखा जाता है। फाल्गुन कृष्ण एकादशी की तिथि 16 फरवरी को सुबह 5 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और 17 फरवरी की रात 2 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के चलते विजया एकादशी का व्रत 16 फरवरी को ही रखा जाएगा।

शुभ मुहूर्त Vijaya Ekadashi Vrat shubh muhurt
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से, दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 27 मिनट से, दोपहर 3 बजकर 12 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 6 बजकर 9 मिनट से, शाम 6 बजकर 35 मिनट तक।

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विजया एकादशी पर जरूर करें दान Vijaya Ekadashi Vrat
विजया एकादशी व्रत के साथ दान का महत्व भी जुड़ा है। माना जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से स्वर्ण दान, भूमि दान, अन्नदान और गौदान से अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। जीवन में दान का प्रभाव ऐसा है कि इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। एक्सपट्र्स की मानें तो दान करते समय यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो यह लाभकारी होता है। जैसे....

- दान कभी भी किसी दबाव में आकर नहीं देना चाहिए।
- जो भी वस्तुएं दान में दी जाएं वो अच्छी गुणवत्ता वाली हों।
- दान कभी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए जो, कुपात्र हो।
- दान में कभी भी मांस, मदिरा आदि वस्तुएं न दें।
- कुंडली में जो ग्रह महत्वपूर्ण हों, उनका दान कभी न करें।
- दान देते समय मन में हमेशा ये भाव रखें कि ये वस्तु ईश्वर की दी हुई हैं और ये सेवा या दान मैं ईश्वर को ही कर रहा हूं।
- माना जाता है कि यदि इन बातों को ध्यान में रखकर दान किया जाए, तो धन, वैभव और संपन्नता मिलती है।