6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Vishwakarma Jayanti 2019 : इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें भगवान विश्वकर्मा की पूजा

Vishwakarma Jayanti Shubh Muhurat Puja vidhi : 17 सितंबर 2019 दिन मंगलवार को इस शुभ मुहूर्त में इस पूजा विधि से करें भगवान श्री विश्वकर्मा देव का पूजन।

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shyam Kishor

Sep 16, 2019

Vishwakarma Jayanti 2019 : इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें भगवान विश्वकर्मा की पूजा

Vishwakarma Jayanti 2019 : इस शुभ मुहूर्त में ऐसे करें भगवान विश्वकर्मा की पूजा

हर साल 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की जयंती कन्या संक्रांति के दिन पूरे देश में मनाई जाती है। शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा को “देवताओं का शिल्पकार” माना गया है। विश्वकर्मा जयंती के दिन लोग अपनी फैक्ट्रियों, कारखानों, लोहे की दुकानों, मोटर गाड़ी की दुकानों, वर्कशाप, सर्विस सेंटर आदि में विशेष पूजा अर्चना करते हैं। 17 सितंबर 2019 दिन मंगलवार को इस शुभ मुहूर्त में इस पूजा विधि से करें भगवान श्री विश्वकर्मा देव का पूजन।

गंगा से पवित्र मानी जाने वाली फाल्गु नदी में श्राद्धकर्म करने से सात पीढ़ीं के पूर्वज पितरों की आत्माएं मुक्त हो जाती है

विश्वकर्मा जयंती शुभ मूहूर्त

17 सितंबर दिन मंगलवार को कन्या संक्रांति का शुभ मुहूर्त सुबह सूर्योदय के बाद 7 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में विधि विधान से पूजा करने पर भगवान विश्वकर्मा की कृपा बनी रहती है।

भगवान विश्वकर्मा की पूजा विधि

- विश्वकर्मा जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके श्वेत वस्त्र पहनकर तैयार हो जाए।

- निर्धारित पूजा स्थल पर भगवान विश्वकर्मा की फोटो या मूर्ति स्थापित करें।

- पीले ये सफेद फूलों की माला भगवान विश्वकर्मा को पहनावें।

- सुगंधित धूप और दीपक भी जलावें।

- अब अपने सभी औजारों की एक-एक करके विधिवत पूजा करें।

- भगवान विश्वकर्मा को पंचमेवा प्रसाद का भोग लगाएं।

- हाथ में फूल और अक्षत लेकर शिल्पकार भगवान श्री विश्वकर्मा देव का ध्यान करें।

पितृ पक्ष 2019 : पित्रों की आत्मा डराती नही, रास्ता दिखाती, मदद करती है, जानें कैसे?

- पूजा करते समय इन मंत्रों का उच्चारण करते रहें।

।। ऊँ आधार शक्तपे नम: ।।

।। ऊँ कूमयि नम: ।।

।। ऊँ अनन्तम नम: ।।

।। ऊँ पृथिव्यै नम: ।।

।। ऊँ मंत्र का जप करे ।

विधि विधान से भगवान विश्कर्मा जी का पूजन करने के बाद उपरोक्त मंत्र से यज्ञ भी करें।

शारदीय नवरात्र 2019 : सितंबर में इस दिन से शुरू हो रही नवरात्रि पर्व, विराजमान होंगी माँ दुर्गा, जानें पूरी तिथियां

धर्म शास्त्रों की कथानुसार भगवान विश्वकर्मा ही सभी पदार्थो के निर्माण कर्ता माने जाते हैं, जैसे- सभी औद्योगिक घराने, प्रमुख भवन और वस्तुएं, भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका का निर्माण किया, रावण की नगरी लंका का निर्माण किया, स्वर्ग में इंद्र के सिंघासन को बनाया, पांड्वो की नगरी इन्द्रप्रस्थ को बनाया, इंद्र का वज्र भी इन्होंने दधीची की हड्डियों से बनाया था, महाभारत काल में हस्तिनापुर का निर्माण किया। जगन्नाथ पूरी में “जगन्नाथ” मंदिर का निर्माण किया, पुष्पक विमान का निर्माण किया, सभी देवताओं के महलो का निर्माण किया, कर्ण का कुंडल बनाया, विष्णु का सुदर्शन चक्र बनाया, भगवान शंकर का त्रिशूल का निर्माण किया, एवं यमराज का कालदंड भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया।

*****************