
50 companies paid bank loan of 60 thousand crores in 6 months
नई दिल्ली। बैंकिंग सेक्टर ( banking sector ) जहां यह खबर अच्छी है तो दूसरी ओर झटका देने वाली भी है। बैंकिंग सेक्टर के लिए अच्छी खबरों का इस साल अकाल सा रहा है तो शुरूआत अच्छी खबरों से करते हैं। देश की 50 कंपनियों ने पहली छमाही में बैंक कर्ज ( bank debt ) का 56 हजार करोड़ रुपया चुका दिया है। सूत्रों की मानें तो कंपनियों की ओर से चुकाया कर्च पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा है। पिछले साल इन कंपनियों ने बैंक कर्ज में मात्र 43 हजार करोड़ रुपए की कमी की थी। वहीं बात बुरी खबर की करें तो इस साल कंपनियों ने बैंकों से कर्ज की निर्भरता को कम करते हुए विदेशों से कर्ज लेने का विकल्प निकाला है। जो देश के बैंकों के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है।
कम ब्याज पर मिल रहा है ईसीबी
सूत्रों की मानें तो कंपनियों को बैंकों की तुलना में विदेशी एजेंसियों यानी ईसीबी से कम ब्याज पर कर्ज मुहैया हो रहा है। ऐसे में कंपनियों ने बैंकों की ओर कम जाना शुरू कर दिया है। आंकड़ों की मानें तो इस साल अक्टूबर में भारतीय कंपनियों का विदेशी कर्ज दुगुने से अधिक बढ़कर 3.41 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसमें से 2.87 अरब डॉलर स्वत: मंजूरी वाले ईसीबी से और 53.8 करोड़ डॉलर मंजूरी वाले ईसीबी से जुटाए गए। कंपनियों ने अक्टूबर 2018 में 1.41 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज लिया था।
यह भी पढ़ेंः-भारत के लिए अगले छह साल, इकोनॉमी को बनाएंगे बेमिसाल
आखिर क्यों?
दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) जैसी कानूनी प्रक्रियाओं को देखते हुए घरेलू कंपनियां बैंक ऋण पर निर्भरता कम कर रही हैं। कानून कढ़े हो गए हैं। कंपनियां इन कढ़े कानूनों के चक्कर में नहीं फंसना चाहती है। जानकारों की मानें विदेशी एजेंसियों से भारतीय बैंकों के मुकाबले आसानी से और कम ब्याज पर कर्ज मिल रहा है। ऐसे में कंपनियां इन एजेंसियों को ज्यादा तरजीह दे रही है। बैंकों का रुपया समय पर ना चुकाने को लेकर कानून कढ़े कर दिए गए हैं। इन कढ़े कानूनों की प्रक्रिया से कोई नहीं गुजरना चाहता है।
Updated on:
30 Dec 2019 11:20 am
Published on:
30 Dec 2019 11:19 am
बड़ी खबरें
View Allफाइनेंस
कारोबार
ट्रेंडिंग
